शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Arvind Kejriwal said the raids brought all corrupt people into one party.
Written By
Last Updated : बुधवार, 29 मार्च 2023 (23:50 IST)

केजरीवाल बोले, ईडी व सीबीआई ने सभी भ्रष्ट लोगों को एक पार्टी में ला दिया

केजरीवाल बोले, ईडी व सीबीआई ने सभी भ्रष्ट लोगों को एक पार्टी में ला दिया - Arvind Kejriwal said the raids brought all corrupt people into one party.
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों ने सभी भ्रष्ट लोगों को 'एक पार्टी' में ला दिया है और जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन खत्म होगा तब देश भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के विधायकों को सीबीआई और ईडी के छापे मारने की धमकी दी गई और 25 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गई।
 
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह बात कही। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश में लोकतंत्र को रौंदने का कोई मौका नहीं छोड़ा, यह प्रस्ताव केजरीवाल ने ही पेश किया था। उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई ने सभी भ्रष्ट लोगों को एक पार्टी में ला दिया है।
 
केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी पार्टी के विधायकों को सीबीआई और ईडी के छापे मारने की धमकी दी गई और 25 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गई। मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप में से हर एक व्यक्ति रत्न है। डरिए नहीं। भले ही आप जेल जाओ, मैं आपके परिवार की देखभाल करूंगा। दिल्ली विधानसभा के अंदर हुई घटनाओं ने आज लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संदेश दिया है। 
 
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विपक्षी दल की सरकारों को काम नहीं करने देती। इस प्रस्ताव को सदन ने बहुमत से पारित कर दिया। मतदान के दौरान भाजपा के 8 विधायक अनुपस्थित रहे।
 
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री की ईडी-सीबीआई के संबंध में की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि सभी चोर, लुटेरे और भ्रष्टाचारी एक ही पार्टी में हैं। भाजपा की सरकार का शासन समाप्त होने के बाद उनके लोग जेल में होंगे, तो देश भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा था कि ईडी-सीबीआई सभी भ्रष्टाचारियों को एक मंच पर ले आई है। केजरीवाल ने नारायण राणे, हिमंत विश्व शर्मा और शुभेंदु अधिकारी का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि चूंकि वे भ्रष्टाचार में शामिल थे, इसलिए वे भाजपा में शामिल हो गए।
 
केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा ने 2017 में और उसके बाद के वर्षों में भी उनकी सरकार को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि अगर आपमें थोड़ी सी भी मर्यादा बची है तो आप हमारे विधायकों पर 'ऑपरेशन लोटस' मत चलाइए। हम भगत सिंह के अनुयायी हैं।
 
उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, इसलिए हमने भाजपा के विधायकों को बोलने का मौका दिया। हालांकि, वे हमारी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सके। हमने उन्हें बोलने का मौका दिया। हम आलोचना का स्वागत करते हैं। लेकिन, ए लोग सिर्फ लड़ना और गाली देना जानते हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव तो छोड़िए, दिल्ली में 2050 में भी भाजपा नहीं जीत सकती।
 
केजरीवाल ने विधानसभा सत्र के बाद संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने घोषणा की थी कि यह अविश्वास प्रस्ताव होगा। उन्होंने कहा कि लेकिन, इस तरह के प्रस्ताव को पेश करने के लिए आपको कम से कम 20 फीसदी विधायकों के हस्ताक्षर चाहिए। ऐसा करने के लिए, उन्होंने हमारे विधायकों को डराने और धमकाने की कोशिश की। आम आदमी पार्टी के विधायकों को डरा कर और धमकी देकर नहीं तोड़ा जा सकता।
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विश्वास प्रस्ताव प्रचंड बहुमत से जीत गया है। लोगों का हम पर अटूट विश्वास है। हम जनता के लिए काम कर रहे हैं, जो पिछले 75 वर्षों में नहीं हुआ। मैं इस भरोसे के लिए जनता को धन्यवाद देता हूं। हम कर्नाटक में चुनाव लड़ने जा रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे।
 
इससे पहले दिन में चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायक अनिल बाजपेई ने आरोप लगाया कि सदन में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से जुड़े विभिन्न मुद्दे हैं। 1,000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के वादे के बावजूद कितने खोले गए हैं? मोहल्ला क्लिनिक में मधुमेह और रक्तचाप की कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
 
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के लोगों के बीच विश्वास खो दिया है। पार्टी अपनी आखिरी सांसें ले रही है। यह एक दीपक की तरह है जो बुझने वाला है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि दिल्ली में अगले विधानसभा चुनाव के बाद केजरीवाल के स्थान पर एक भाजपा कार्यकर्ता बैठेगा।
 
इस बीच दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बुधवार को राज्य विधानसभा से जुड़े सभी मामलों में अपनी सर्वोच्चता का दावा किया। उन्होंने मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि वे अपने विभागों के अधिकारियों को दिए गए निर्देशों को लागू करें और यह भी कि वे उनसे मांगी गई जानकारी साझा करें और विधानसभा समितियों की बैठकों में भाग लें।
 
राम निवास गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रमुख विधि सचिव ने 23 मार्च को एक पत्र में स्वीकार किया था कि विधानसभा और इसकी समितियों से संबंधित मामलों में अध्यक्ष के पास ही 'अंतिम अधिकार' हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने देखा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित या राज्य की सुरक्षा के खिलाफ होने के अलावा कोई भी जानकारी, किसी भी प्रश्न या दस्तावेजों के रूप में विधानसभा या इसकी समितियों को देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
 
उन्होंने विधि सचिव के विचार का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी विभाग को समितियों द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने में कोई समस्या है तो वे संबंधित मंत्री को सूचित करेंगे, जो इसे अध्यक्ष तक पहुंचाएंगे, जिसका निर्णय अंतिम होगा।
 
उन्होंने कहा कि साथ ही अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी अधिकारी समितियों की बैठकों से अनुपस्थित नहीं रहेगा। राम निवास गोयल ने कहा कि कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करना विधानसभा का प्राथमिक उत्तरदायित्व है। सरकार विधानमंडल के प्रति जवाबदेह है और उपराज्यपाल को विधानसभा के कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
हेट स्‍पीच की घटनाओं से चिंतित सुप्रीम कोर्ट, कहा- धर्म को राजनीति से अलग करना आवश्यक