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Last Modified: रविवार, 27 जुलाई 2025 (11:30 IST)

क्यों लड़ रहे हैं थाईलैंड और कंबोडिया, वजह जानकर चौंक जाएंगे भारतीय, अब तक 32 की मौत

Thailand Cambodia war
Thailand Cambodia war: एक तरफ भारत में श्रावण मास में शिव भक्ति में डूबे श्रद्धालु बोल बम का उद्‍घोष कर रहे हैं, दूसरी ओर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक शिव मंदिर के इलाके को लेकर बमबारी हो रही है। दोनों देशों के बीच संघर्ष में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। मंदिर का नाम प्रीह विहार मंदिर है, जो कि भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 11वीं सदी में खमेर सम्राट सूर्यवर्मन द्वारा बनवाया गया था और इसमें आज भी शिवलिंग और शिव से जुड़े अन्य चिह्न मौजूद हैं। यह मंदिर डांगरेक पहाड़ों पर स्थित है और ऐतिहासिक रूप से दोनों देशों द्वारा दावा किया जाता रहा है। स्थानीय लोगों में यह ता मुएन थोम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 
 
वर्षों पुराना है विवाद : यह मंदिर अपनी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण यह थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद का भी केंद्र रहा है। यह विवाद दशकों पुराना है और इसकी जड़ें औपनिवेशिक काल तक जाती हैं। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच की 818 किलोमीटर लंबी सीमा का सीमांकन 1907 में फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के दौरान किया गया था। कंबोडिया इस नक्शे को अपने दावे के लिए संदर्भ मानता है, जबकि थाईलैंड का तर्क है कि यह नक्शा गलत है और उसने कभी इसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया।
 
क्या था अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का फैसला : अंतरराष्ट्रीय दरअसल, 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि यह मंदिर कंबोडियाई क्षेत्र में है। हालांकि, थाईलैंड ने मंदिर के आसपास की भूमि के स्वामित्व को लेकर विवाद जारी रखा। 2008 में जब कंबोडिया ने प्रीह विहार मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में पंजीकृत कराया, तो थाई राष्ट्रवादियों ने इसका कड़ा विरोध किया था। उस समय भी दोनों देशों के बीच झड़पें हुई थीं। 2013 में भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय अपने 1962 के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि मंदिर के आसपास की भूमि भी कंबोडिया की है। इस फैसले को थाईलैंड में लोग अभी भी अस्वीकार करते हैं। दोनों देशों के बीच कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सीमा का स्पष्ट सीमांकन नहीं किया गया है, खासकर प्राचीन मंदिरों के आसपास। 
 
अब तक 32 लोगों की मौत : थाईलैंड और कंबोडिया के सैनिकों के बीच सीमा पर तीसरे दिन भी संघर्ष जारी रहा, जिसके कारण हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। संघर्ष और बढ़ने की संभावना है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार देर रात न्यूयॉर्क में एक आपातकालीन बैठक की, जबकि मलेशिया ने दोनों देशों से संघर्ष समाप्त करने का आह्वान किया और मध्यस्थता की पेशकश की है।
 
हजारों लोगों का पलायन : थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया था कि दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के कारण सीमावर्ती चार प्रांत प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण यहां स्थित गांवों से 58,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रयों में शरण लेनी पड़ी है। वहीं, कंबोडिया के अधिकारियों ने कहा कि सीमा के आसपास के क्षेत्रों से 23,000 से अधिक लोग पलायन कर गए हैं। थाईलैंड की सेना ने शुक्रवार तड़के सीमा के कई इलाकों में झड़पों की जानकारी दी, जिनमें प्राचीन ता मुएन थोम मंदिर के पास भी झड़प हुई थी। इस मंदिर पर दोनों देश दावा करते हैं।
 
हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने दोनों ही देशों से संयम रखने की अपील की है। दूसरी ओर, थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ अमेरिका, मलेशिया और चीन की सीजफायर की पेशकश ठुकरा दी है। थाईलैंड ने साफ कर दिया है कि इस संघर्ष का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता से ही संभव है। वहीं, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की है कि इस मामले पर तत्काल बैठक बुलाई जाए।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala