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Last Updated : शुक्रवार, 22 मार्च 2024 (10:33 IST)

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप के सामने नेतृत्व का संकट, सुनीता संभाल सकती हैं सीएम पद

आतिशी और सौरभ भारद्वाज की भी संभावना

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप के सामने नेतृत्व का संकट, सुनीता संभाल सकती हैं सीएम पद - AAP faces leadership crisis after Arvind Kejriwal's arrest
AAP faces leadership crisis : आबकारी नीति संबंधी कथित घोटाले से जुड़े मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के कारण आम आदमी पार्टी (AAP)और दिल्ली सरकार के सामने नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है और ऐसे में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल (Sunita Kejriwal), कैबिनेट मंत्रियों आतिशी (Atishi) और सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) को इस भूमिका के लिए उनके संभावित विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।

 
'आप' के सामने अब एक ऐसे नेता को चुनने की चुनौती है, जो केजरीवाल की अनुपस्थिति में पार्टी और दिल्ली में उनकी सरकार की कमान संभाल सके। 'आप' नेतृत्व के लिए ऐसे नेता को चुनना वास्तव में एक कड़ी चुनौती है जिसका कद पार्टी संयोजक केजरीवाल के कद के समान या इसके आस-पास हो।
 
केजरीवाल 1 दशक से दिल्ली के मुख्यमंत्री : केजरीवाल 2012 में पार्टी के गठन के बाद से इसके संयोजक हैं और करीब 1 दशक से दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं। केजरीवाल का स्थान ले सकने वाले नेता को खोजना और भी अधिक महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि 'आप' पंजाब, दिल्ली, गुजरात, असम और हरियाणा में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जहां केजरीवाल पार्टी के अहम प्रचारक होने वाले थे।

 
सुनीता केजरीवाल संभाल सकती हैं सीएम पद :  दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी सुनीता केजरीवाल के अलावा 'आप' सरकार की मंत्री आतिशी और भारद्वाज के नाम पर भी चर्चा जारी है। दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त, पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग), राजस्व और सेवाओं सहित सबसे अधिक विभाग संभालने वाली आतिशी को अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है। वे 'आप' सरकार और केजरीवाल का बचाव करने वाली पार्टी की अग्रिम पंक्ति की प्रवक्ता भी हैं और अपने नियमित संवाददाता सम्मेलनों में एवं समाचार चैनलों पर उपस्थिति के जरिए भाजपा पर हमला करती रही हैं।

 
सौरभ भारद्वाज की भी संभावना : इसी तरह भारद्वाज भी दिल्ली कैबिनेट के एक प्रमुख सदस्य हैं और उनके पास स्वास्थ्य एवं शहरी विकास सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। वे भी पार्टी का एक जाना-माना चेहरा हैं, जो अक्सर पार्टी एवं उसके नेताओं का बचाव करते हैं और शासन-संबंधी एवं राजनीतिक मुद्दों पर केंद्र की भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार पर जवाबी हमला करते हैं।
 
हालांकि पिछले साल दिसंबर में 'आप' ने 'मैं भी केजरीवाल' नाम से एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था जिसमें लोगों से पूछा गया था कि उन्हें गिरफ्तार होने की स्थिति में क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या जेल से सरकार चलानी चाहिए?

 
'आप' सुप्रीमो ने इस अभियान के दौरान दिल्ली में पार्टी विधायकों और नगर निगम पार्षदों से भी मुलाकात की थी और उनकी प्रतिक्रिया ली थी। भारद्वाज ने हाल में कहा था कि इस अभियान के दौरान लगभग 90 प्रतिशत लोगों ने राय दी कि केजरीवाल के पास दिल्ली का जनादेश है और उन्हें चुना गया है इसलिए केवल उन्हें ही सरकार चलानी चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो।
 
'आप' को केजरीवाल का विकल्प भी ढूंढना होगा : 'आप' को पार्टी का नेतृत्व करने के लिए केजरीवाल का विकल्प भी ढूंढना होगा। पार्टी दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है और इसके अलावा गुजरात और गोवा में भी इसके विधायक हैं। इस मामले में भी पार्टी के विकल्प काफी सीमित हैं। सुनीता केजरीवाल के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आतिशी का नाम भी उन नेताओं के रूप में चर्चा में है जो 'आप' के नए राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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