मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. 'कश्मीर में सब चंगा है' दिखाने की खातिर मंत्रियों के दौरे से पहले 5 और नेता रिहा
Last Modified: गुरुवार, 16 जनवरी 2020 (19:46 IST)

'कश्मीर में सब चंगा है' दिखाने की खातिर मंत्रियों के दौरे से पहले 5 और नेता रिहा

Jammu and Kashmir | 'कश्मीर में सब चंगा है' दिखाने की खातिर मंत्रियों के दौरे से पहले 5 और नेता रिहा
जम्मू। कश्मीर में सब ठीकठाक है को दिखाने की खातिर अगले सप्ताह होने वाले 40 के करीब केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से पहले राज्य प्रशासन ने 5 और नेताओं को रिहा कर दिया है, पर 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों को फिलहाल रिहा करने से इंकार करते हुए प्रशासन ने कहा है कि वे अभी भी हालात का रुख मोड़ने की कुव्वत रखते हैं और ऐसा खतरा मोल नहीं लिया जा सकता है।

इसी क्रम में आज यानी कि गुरुवार को 5 नेताओं को रिहा कर दिया गया है। इससे पहले 30 दिसंबर को 5 राजनीतिक नेताओं को रिहा किया गया था। ये पांचों नेता नेशनल कॉन्‍फ्रेंस और पीडीपी के थे, जिन्हें एहतियातन हिरासत में रखा गया था। इनमें नेकां के सलमान सागर, पीडीपी के अल्ताफ कलू, मुख्तार भट तथा निजामुद्दीन भट और एक शौकत गनई हैं। फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं, जिन्हें रिहा करने से प्रशासन डर रहा है।

30 दिसंबर को रिहा किए गए नेताओं में नेकां के इशफाक जब्बर व गुलाम नबी भट तथा पीडीपी के बशीर मीर, जहूर मीर और यासिर रेशी शामिल थे। रेशी पीडीपी के बागी नेता माने जाते हैं, जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बगावत कर दी थी। नए केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन ने 25 नवंबर को 2 नेताओं पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को रिहा किया था।

सूत्रों के मुताबिक, पीपुल्स कॉन्‍फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद उर रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मुहम्मद सागर को फिलहाल रिहा करने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं से प्रशासन कई बार रिहाई के लिए बांड भरने को कह चुका है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इनकार किया है। ऐसे में इन्हें श्रीनगर के किसी सरकारी गेस्ट हाऊस में स्थानांतरित किया जाएगा। इनके अलावा 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की मार्च से पहले रिहाई की संभावना कम ही दिखाई दे रही है।

दरअसल यह रिहाइयां कश्मीर आ रहे मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल की खातिर है जिन्हें यह दिखाया जाना है कि सब चंगा है। इस प्रतिनिधि मंडल में रेलमंत्री पीयूष गोयल, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी सहित कई मंत्री शामिल हैं। यह टीम 5 अगस्त के बाद यहां शुरू हुई विकास की गतिविधियों के बारे में जानकारी लेंगे और लोगों को बताएंगे।

केंद्रशासित जम्मू कश्मीर में आगामी दिनों केंद्रीय मंत्री जिला स्तर पर जन पहुंच कार्यक्रम में पहुंचेंगे। 18 से 20 जनवरी तक होने वाले कार्यक्रम में केंद्रीय और राज्यमंत्री शामिल रहेंगे। 18 जनवरी को अर्जुनराम मेघवाल पुरमंडल, डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू, अश्विनी चौबे सांबा में कार्यक्रम करेंगे।

19 को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रियासी में कार्यक्रम करेंगी। महेंद्र नाथ पांडे जम्मू, अर्जुनराम मेघवाल कठुआ में रहेंगे। वी. मुरलीधरण भी कठुआ और अनुराग सिंह ठाकुर जम्मू में रहेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह उधमपुर, पीयूष गोयल जम्मू और अश्विनी चौबे सांबा में रहेंगे। प्रताप सारंगी कठुआ, आरके सिंह डोडा, देवाश्री चौधरी जम्मू में रहेंगे।
कुल मिलाकर कार्यक्रम में करीब 40 मंत्री हिस्सा लेंगे।

भाजपा के प्रदेश महासचिव संगठन अशोक कौल का कहना है कि कार्यक्रम का आयोजन सरकारी स्तर पर होगा। ऐसे में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता मंत्रियों के कार्यक्रम में पहुंचेंगे और इन्हें सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।