गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. 134 people died in Morbi Bridge Collapse
Written By
Last Updated : सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 (21:49 IST)

Morbi Bridge Collapse : नदी का नजारा देख रहे लड़के ने परिवार को डूबते देखा, सांसद ने खोए अपने 12 रिश्तेदार

Morbi Bridge Collapse : नदी का नजारा देख रहे लड़के ने परिवार को डूबते देखा, सांसद ने खोए अपने 12 रिश्तेदार - 134 people died in Morbi Bridge Collapse
मोरबी। दिवाली की छुट्टियों का लुत्फ उठाने 10 वर्षीय शिवम अपने परिवार के साथ मोरबी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल 'झूलता पुल' (केबल पुल) पहुंचा था और रोमांच को महसूस भी कर रहा था। लेकिन कुछ ही घंटों बाद वह राजकोट में अपने माता-पिता और भाई के शवों के साथ लौटा। राजकोट से लोकसभा सदस्य मोहन कुंदरिया ने अपने 12 रिश्तेदारों को खो दिया है।
 
हादसे में जान गंवाने वाले 134 लोगों में शिवम के परिजन भी शामिल थे। शिवम ने हाथ से पुल के एक तार को पकड़ लिया था जिससे उसकी जिंदगी बच गई लेकिन उसके माता-पिता और बड़े भाई की किस्मत ने साथ नहीं दिया।
 
राजकोट से लोकसभा सदस्य मोहन कुंदरिया ने बताया कि मोरबी कस्बे में पुल गिरने से उनके 12 रिश्तेदारों की मौत हो गई। इस हादसे में बचे कई लोगों ने अपने परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को खोया है। कुंदरिया ने कहा कि इस हादसे में उनके सभी 12 रिश्तेदारों की मौत हो गई। वे रविवार को पिकनिक स्थल पर आए थे लेकिन हादसे में मारे गए।
 
पुल पर घूमने आईं अमीना बानो के लिए भी यह मंजर ताउम्र भूल पाना शायद मुमकिन न हो। वे अपने 36 रिश्तेदारों के साथ पुल पर घूमने आई थीं लेकिन इस हादसे ने उनमें से 6 की जान ले ली। बानो ने कहा कि मैं अपने बच्चों समेत परिवार के 36 लोगों के साथ पुल पर गई थी। इस घटना में मेरे चचेरे भाई और उसके बच्चों सहित मेरे परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई। भयावह घटना को याद करते हुए बानो ने कहा कि शुरुआत में कोई भी मदद के लिए नहीं आया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया।
 
उन्होंने पूछा कि उन्होंने प्रति व्यक्ति 17 रुपए टिकट शुल्क के तौर पर लिए। कंपनी ने पुल पर इतने लोगों को आने की इजाजत क्यों दी? कंपनी ने कहा कि उसने पुल के नवीकरण पर 2 करोड़ रुपए खर्च किए। क्या लोगों की जान की कीमत सिर्फ 17 रुपए है?
 
राजकोट का रहने वाला शिवम मोरबी में अपने नाना-नानी के घर आया था। रविवार शाम को जब लोगों से भरे पुल पर हादसा हुआ, उस वक्त वह, उसके माता-पिता और भाई भी पुल पर मौजूद थे। उसने बताया कि पुल जब अचानक गिरा तो वहां काफी भीड़ थी। मैं बच गया, क्योंकि मैंने एक लटकते हुए तार को पकड़ लिया और धीरे-धीरे ऊपर चढ़ गया। लेकिन मेरे भाई, पिता और मां अब भी लापता हैं। बाद में राजकोट से उसके रिश्तेदार मोरबी पहुंचे और शिवम के परिवार के सदस्यों के शवों को तलाशा जिन्हें नदी से बाहर निकाला गया था। शवों को राजकोट ले जाया गया और शिवम उनके साथ गया।
 
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में कुछ युवाओं को पुल के गिरने से कुछ मिनट पहले अन्य पर्यटकों को डराने के लिए पुल के तारों को लात मारते और हिलाते हुए देखा गया था। पुल हादसे में बचे लोगों में से एक मेहुल रावल ने कहा कि जिस वक्त पुल के तार टूटे और वह नदी में गिरा, उस वक्त उस पर कम से कम 300 लोग थे। मोरबी के सरकारी अस्पताल में रावल ने कहा कि जब हम पुल पर थे तभी वह टूट गया। सभी लोग नदी में गिर गए। पुल ढहने की मुख्य वजह वहां ज्यादा भीड़ का होना था।
 
मोरबी के एक अन्य निवासी ने भी कहा कि हादसे के समय पुल पर कम से कम 300 लोग थे। उसने कहा कि यह पुल मरम्मत के बाद कुछ ही दिनों पहले आम लोगों के लिए खोला गया था। उन्होंने कहा कि पीड़ितों में ज्यादातर बच्चे थे, जो दिवाली की छुट्टी का आनंद ले रहे थे। घटना के फौरन बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और कई लोगों को जिंदा नदी से बाहर निकाला।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
नौसेना के शीर्ष कमांडरों का 4 दिवसीय सम्मेलन, होगा स्वदेशीकरण के प्रारूप पर विचार विमर्श