आजाद भारत : क्या खोया, क्या पाया?
आज हम यदि खुली हवा में साँस ले रहे हैं तो उन असंख्य शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की बदौलत, जिन्होंने आजादी का बीज रोपा और उसे अपने लहू से सींचा। वही बीज आजादी के 61 सालों में विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।आजादी के इन वर्षों में हिन्दुस्तान ने कमोबेश सभी क्षेत्रों में तरक्की की है। विज्ञान, तकनीक, कृषि, साहित्य, खेल आदि सभी क्षेत्रों में देश का 'तिरंगा' लहराया है। इसके इतर हमने बहुत कुछ खोया भी है, जैसे- समन्वयवादी दृष्टिकोण, नैतिक मूल्य, धार्मिक सहिष्णुता, परस्पर प्रेम और भाईचारे का भाव आदि-आदि।आजाद भारत की 61 वर्ष की इस यात्रा के बारे में आप क्या सोचते हैं? इन वर्षों में हमने क्या पाया है और क्या खोया है? फिर देर किस बात की है, बैठिए कम्प्यूटर के सामने और दौड़ाइए की-बोर्ड पर अपनी अँगुलियाँ और नीचे दिए गए बॉक्स में अपने विचार प्रेषित कर दीजिए। वेबदुनिया के सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ। -संपादक