महाराष्ट्र में भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन से संबंधित विभिन्न घटनाओं में कम से कम नौ लोग डूब गए और 12 अन्य लापता हैं। ये घटनाएं ठाणे, पुणे, नांदेड़, नासिक, जलगांव, वाशिम, पालघर और अमरावती जिलों में हुईं। एक अधिकारी ने बताया कि पुणे जिले में तीन अलग-अलग घटनाओं में पांच लोग जलाशयों में बह गए।पुणे के अधिकारी ने बताया, वाकी खुर्द में भामा नदी में दो और शेल पिंपलगांव में एक व्यक्ति बह गया। जिले के ग्रामीण इलाके बिरवाड़ी में एक और व्यक्ति फिसल कर कुएं में गिर गया। खेड़ में 45 वर्षीय एक व्यक्ति बह गया।
उन्होंने बताया कि तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। नांदेड़ जिले के गंदेगांव में एक नदी में तीन लोग बह गए, जिनमें से एक को कुछ देर बाद बचा लिया गया। एक स्थानीय अधिकारी ने यह जानकारी दी। नांदेड़ पुलिस ने बताया कि अन्य दो की तलाश जारी है। नासिक जिले के सिन्नर और कलवान इलाकों में भी ऐसी ही घटनाएं हुईं।
अधिकारी ने बताया कि नासिक में पांच लोग बह गए। दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि अन्य की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि जलगांव में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोग बह गए। ठाणे के शाहपुर तालुका के मुंडेवाड़ी निवासी तीन लोग एक बांध के पास भार्गवी नदी की तेज धाराओं में बह गए। शाहपुर के तहसीलदार परमेश्वर कासुले ने बताया कि वे गणपति की प्रतिमा का विसर्जन करके लौट रहे थे।
उन्होंने मृतकों की पहचान दत्ता लोटे, प्रतीप मुंडे और कुलदीप जकारे के रूप में की। पालघर जिले में गणपति प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक खाड़ी में बह गए तीन लोगों को समुद्री अधिकारियों की त्वरित सूचना के बाद नाव की मदद से बचा लिया गया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह घटना शनिवार दोपहर करीब तीन बजे विरार (पश्चिम) के नारंगी जेट्टी पर हुई। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि वाशिम जिले में दो लोग डूब गए, जिनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, अमरावती में एक व्यक्ति डूब गया। आपदा प्रबंधन दल ने उसका शव बरामद कर लिया है।
मुंबई शहर में, जहां विसर्जन यात्रा कई घंटों की होती है, करंट लगने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। नगर निगम के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह घटना रविवार सुबह साकीनाका इलाके के खैरानी रोड पर हुई जब एक गणेश प्रतिमा बिजली के तार के संपर्क में आ गई।
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश के बीच, राज्य आपदा मोचन दल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों को तैनात किया गया है। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो किशोर एक नाले में गिरकर डूब गए। पुलिस ने बताया कि शनिवार रात गटखेड़ा गांव में एक नाले में गिरने के बाद लड़के डूब गए।
भव्य यात्रा शुरू होने के 32 घंटे बाद हुआ लालबागचा राजा का विसर्जन
मुंबई के प्रतिष्ठित लालबागचा राजा की मूर्ति को रविवार रात करीब 9.15 बजे अरब सागर में विसर्जित कर दिया गया। महानगर के दक्षिणी हिस्से में निर्धारित विसर्जन स्थल गिरगांव चौपाटी पर पहुंचने के 12 घंटे से अधिक समय बाद मूर्ति का विसर्जन हुआ। अधिकारियों ने बताया कि समुद्र तट पर एकत्र हुए हजारों श्रद्धालुओं के जयकारों, ढोल-नगाड़ों और पटाखों के बीच पुलिस दल की देखरेख में मछुआरों की नौकाओं द्वारा खींचकर विशेष रूप से निर्मित इस मूर्ति को गहरे समुद्र में ले जाया गया और उसका विसर्जन किया गया।
उन्होंने बताया कि यह मूर्ति विसर्जन के सबसे विलंबित कार्यक्रमों में से एक था। आमतौर पर, लालबागचा राजा की मूर्ति सुबह नौ बजे से पहले दक्षिण मुंबई के गिरगांव चौपाटी के पास अरब सागर में विसर्जित कर दी जाती है। रविवार सुबह करीब आठ बजे गिरगांव चौपाटी पर मूर्ति पहुंचने के करीब 13 घंटे बाद और शनिवार को दोपहर 12.30 बजे लालबाग से भव्य यात्रा शुरू होने के 32 घंटे बाद आखिरकार विसर्जन संभव हो सका। अधिकारियों ने पहले बताया था कि समुद्र में 4.42 मीटर ऊंची लहरों और तकनीकी चुनौतियों के कारण मूर्ति विसर्जन में देरी हुई।
कई असफल प्रयासों के बाद, सैकड़ों स्वयंसेवकों और मछुआरों की मदद से शाम 4:45 बजे मूर्ति को एक नवनिर्मित राफ्ट पर ले जाया गया, जिसे देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। लालबागचा राजा न केवल 10-दिवसीय उत्सव के दौरान सबसे अधिक प्रशंसित मूर्ति है, बल्कि इसका विसर्जन भी हजारों भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय क्षण होता है, जो मध्यरात्रि के बाद से चौपाटी पर उमड़ पड़ते हैं और मध्य तथा दक्षिण मुंबई की भीड़-भाड़ वाली सड़कों से होते हुए सूर्योदय तक इसके आगमन की प्रतीक्षा करते हैं। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma