मध्यप्रदेश भाजपा के दिग्गजों की अब क्या होगी भूमिका?
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरे भाजपा के तमाद दिग्गज चेहरों को दरकिनार का भाजपा हाईकमान ने नए चेहरे डॉ मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है। 58 साल के डॉ. मोहन यादव सूबे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जगह लेंगे। मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनने के पीछे प्रदेश में भाजपा की नई पीढी को आगे लाने के बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
भाजपा केंद्रीय हाईकमान ने नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह और वीडी शर्मा की जगह संघ पृष्ठिभूमि से आने वाले डॉ. मोहन यादव को तरजीह दी है। ऐसे में अब यह बड़ा सवाल उठ खड़ा हो गया है कि इन केंद्रीय नेताओं की मध्यप्रदेश में क्या भूमिका होगी।
मध्यप्रदेश के 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की अब क्या भूमिका होगी, इसको लेकर अब बड़ा सवाल है। शिवराज सिंह चौहान क्या अब राष्ट्रीय राजनीति में जाएंगे यह सवाल सबसे अधिक चर्चा के केंद्र में है। हलांकि शिवराज सिंह चौहान पहले भी कह चुके है कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे, ऐसे में उनकी नई भूमिका क्या होगी, यह बड़ा सवाल है। शिवराज सिंह चौहान को आलाकमान पार्टी संगठन में लाकर उनके अनुभव का उपयोग संगठन को मजबूत करने के साथ लोकसभा चुनाव के लिए कर सकता है।
शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका को लेकर जब उनसे आज सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता के नाते उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे वह उसे पूरा करेंगे। वहीं शिवराज ने कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर वह मरना पंसद करेंगे
वहीं सीएम पद की रेस में सबसे आगे रहे नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर केंद्रीय हाईकमान ने उनकी भूमिका तय कर दी है।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय जो इंदौर-1 विधानसभा सीट से चुनाव जीते है वह क्या प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होंगे, यह भी बड़ा सवाल है। कैलाश विजयवर्गीय को उपयोग केंद्रीय नेतृत्व पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में कर चुका है और कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी संगठनात्मक क्षमता का बाखूबी परिचय भी दिया है, ऐसे में बहुत संभावना है कि पार्टी उनका पहले की तरह संगठन में उपयोग करें।
नरसिंहपुर से विधायक बने भाजपा के दिग्गज नेता प्रहलाद पटेल की नई भूमिका क्या होगी, यह अपने आप में सवालों के घेरे में है। प्रहलाद पटेल ओबीसी वर्ग से आने वाले बड़े चेहरे है और मुख्यमंत्री की रेस में उनका नाम भी सबसे आगे था लेकिन अब जब राज्य का मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आने वाले मोहन यादव को बना दिया गया तब प्रहलाद पटेल को सामने सीमित विकल्प बचे है। प्रहलाद पटेल के सियासी कद को देखते हुए इसकी संभावना बहुत कम है वह मोहन यादव के कैबिनेट में मंत्री बने।
इसके साथ ही जबलपुर से विधायक बने भाजपा के सीनियर नेता राकेश सिंह क्या मोहन यादव कैबिनेट में शामिल होंगे, यह सवाल भी सियासी गलियारों में तेज से उछल रहा है। राकेश सिंह उस महाकौशल क्षेत्र से आते है जिसके खाते में सीएम और डिप्टी सीएम कोई पद नहीं है, ऐसे में संभावना है कि मोहन यादव को कैबिनट में मंत्री बनाकर महाकौशल क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।