मोदी सरकार के बजट पर क्या बोले मध्यप्रदेश के नेता?
भोपाल। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश कर दिया है। बजट में मिडिल क्लास के लिए बड़ा एलान करते हुए वित्तमंत्री ने 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया है। बजट को पीएम मोदी ने मिडिल क्लास का बजट बताते हुए वित्तमंत्री की तारीफ की है, तो दूसरी ओर मध्यप्रदेश के नेताओं ने भी बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बजट को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री श निर्मला सीतारमण जी द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 विकसित भारत के संकल्पों को सिद्ध करने वाला है। यह कल्याणकारी, सर्वस्पर्शी और समावेशी बजट देश के गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के समग्र विकास के साथ स्टार्टअप्स, इनोवेशन तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विभिन्न क्षेत्रों को समाहित करते हुए, अंत्योदय की भावना और नवोन्मेष की नव-दृष्टि से परिपूर्ण है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट ऐतिहासिक और आम जनता को खुश करने वाला बजट है। ये बजट विकसित भारत के अटल संकल्प की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट है। बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री किया गया, जो एक ऐतिहासिक निर्णय है। इस बजट में हमारे हमारे गरीब, अन्नदाता,नारी शक्ति और नौजवानों को सशक्त व सक्षम बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का नया बजट संपूर्ण भारत वर्ष, हर क्षेत्र, हर समाज और वर्ग के विकास को सुनिश्चित करने वाला बजट है। बजट में शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। मेडिकल एजुकेशन और आईआईटी में 75000 सीटें बढ़ाने की घोषणा इस बजट में की गई है। इस बजट में किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य योजना की घोषणा की गई है। इस योजना से देश के 100 जिले और 1.70 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। इस बजट में कृषि और अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी सौगात देश के नागरिकों को मिली है। बजट प्रस्तावों से देश और उसके विकास को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन की झलक दिखाई देती है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार का आज पेश किया गया बजट निराशाजनक है। मध्य प्रदेश के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए हैं। मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले से ही लचर है और प्रदेश लगातार कर्ज के दलदल में डूबता जा रहा है। मध्य प्रदेश के किसानों को गेहूं और धान का बड़ा हुआ एमएसपी देने, किसानों की आमदनी दुगनी करने, लाडली बहनों को ₹3000 महीने देने जैसे वादों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को कोई मदद नहीं दी है। प्रदेश के नौजवानों के रोजगार, बुनियादी ढांचा विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी मध्य प्रदेश खाली हाथ ही रहा है। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी बजट में कुछ नहीं है। मध्यम वर्ग को आयकर में जो छूट दी गई है, वह ऊंट के मुंह में जीरा से अधिक कुछ नहीं है।