सागर में पीएम मोदी आज 100 करोड़ से बनने वाले रविदास मंदिर की रखेंगे आधारशिला
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आद सागर के बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से बनने वाले संत रविदास मंदिर का शिलान्यास करेंगे। बड़तूमा में 11.29 एकड़ में बनने वाला संत रविदासका दिव्य, भव्य और अलौकिक मंदिर सामजिक समरसता का अद्भुत केन्द्र होगा। 100 करोड़ की लागत से बन रहे मंदिर और स्मारक की दीवारों पर संत रविदास के दोहे उकरे जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोपहर 1 बजे नई दिल्ली से खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर 2.15 बजे संत रविदास स्मारक पहुंचकर मंदिर का भूमिपूजन एवं शिलान्यास करेंगे। इसके साथ पीएम मोदी दोपहर 3.15 बजे सागर के ढाना में राष्ट्र को समर्पित विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण एवं आमसभा को संबोधित करेंगे।
रविदास मंदिर निर्माण में प्रत्येक समाज और हर वर्ग की भागीदारी और संत रविदास जी के सन्देश को प्रचारित करने के लिए प्रदेश के 5 स्थानों से समरसता यात्रायें निकली है, 55 हजार गांव में भ्रमण करने के बाद यह यात्रायें सागर पहुंची है। गांव-गांव में घूम कर उस गांव की मिट्टी और ग्रामीणों की भावनाओं को जोड़ने का काम भी इन यात्राओं के माध्यम से हुआ है। आज होने वाले भूमिपूजन कार्यक्रम में देश भर से 400 से 500 संत उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक 8 फरवरी को संत रविदास की जयंती पर सागर में हुए कार्यक्रम में संत रविदास जी के मंदिर निर्माण की मांग आयी थी। मन में यह विचार आया कि विशाल स्वरूप के मंदिर का निर्माण हो। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया, आकल्पन और उसका स्वरूप तय हो गया है। भूमि-पूजन के साथ ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। यह अपने आप में अद्भुत प्रोजेक्ट है। संत रविदास जी ने सदैव कर्म को महत्ता दी, अत: प्रोजेक्ट के अंतर्गत ग्लोबल स्किल सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा।
दलित वोटर्स पर भाजपा की नजर-संत रविदास के मंदिर के जरिए चुनाव साल में दलित वोटर्स को साधने की कोशिश में है। मध्यप्रदेश की कुल आबादी का 16 फीसी अनुसूचित जाति का है यानि प्रदेश में इसमें 1 करोड़ 13 लाख 42 हजार दलित आबादी है। अगर प्रदेश के सियासी समीकरण को देखे तो प्रदेश में 35 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
मध्यप्रदेश में चुनावी साल में दलितों का साधना सियासी दलों के एक जरूरी मजबूरी है। प्रदेश में 17 फीसदी वोट बैंक वाले दलित वोटर चुनाव में गेमचेंजर की भूमिका निभाता है। 80 लाख से अधिक दलित वोटर वाले मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग (दलित) वर्ग के लिए आरक्षित है। वहीं प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 84 विधानसभा सीटों पर दलित वोटर जीत हार तय करते है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 35 सीटों में कांग्रेस ने 18 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी कर ली थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं कि संत रविदास का मंदिर सामाजिक समरसता का बड़ा केंद्र तो बनेगा ही, यह मंदिर वोट बैंक की राजनीति करने वालों के लिए आईना भी है। अनुसूचित समाज के हितैषी होने का ढोंग करने वाली कांग्रेस ने अनुसूचित वर्ग की कभी भी चिंता नहीं की। इस वर्ग की आस्था का केंद्र संत रविदास जी के मंदिर का निर्माण नहीं किया जबकि संत रविदास जी महाकुंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 100 करोड़ की लागत से संत रविदास जी के मंदिर निर्माण की घोषणा की थी, उसें पूरा करते हुए 12 अगस्त को प्रधानमंत्री जी मंदिर का भूमि पूजन कर संत रविदास जी के अनुयायियों को एक बड़ी सौगात देंगे ।