• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. BJP will not give ticket to leaders sons in Madhya Pradesh assembly elections
Written By Author विकास सिंह
Last Modified: गुरुवार, 27 जुलाई 2023 (17:43 IST)

एमपी भाजपा नेताओं को अमित शाह की दो टूक, नहीं चलेगा परिवारवाद

एमपी भाजपा नेताओं को अमित शाह की दो टूक, नहीं चलेगा परिवारवाद - BJP will not give ticket to leaders sons in Madhya Pradesh assembly elections
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा परिवारवाद को पूरी तरह से दरकिनार कर नए चेहरों को मौका देने जा रही है। भाजपा की चुनावी तैयारी को अंतिम रूप देने  के लिए भोपाल आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी के नेताओं को दो टूक परिवारवाद से किनारा करने का संदेश दिया।

परिवारवाद के सवाल पर मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं कि टिकट उसे ही मिलेगा जो जीतने वाला होगा। भाजपा में अगर कोई ये सोचकर चलेगा कि परिवार के आधार पर टिकट मिलेगा, तो नहीं मिलेगा। कांग्रेस में चलता है, लेकिन भाजपा में नहीं चलेगा।

दरअसल प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कई नेता पुत्रों को टिकट मिला था। 2018 के विधानसभा चुनाव में एक दर्जन से अधिक ऐसे चेहरों को टिकट मिला था जिनका बैकग्राउंड परिवारवाद ही था। 

मौसम बिसेन-विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट की दूसरी प्रमुख दावेदार बालाघाट से आने वाले भाजपा के दिग्गज नेता गौरीशंकर बिसेन के पुत्री मौसम बिसेन है। पिछले दिनों गौरीशंकर बिनेन ने भोपाल और बालाघाट में बड़े आयोजन को  मौसम बिसेन की पॉलिटिक्ल लॉन्चिंग के तौर पर देखा गया। वहीं गौरीशंकर बिसेन जिस तरह से इन दिनों अपनी ही पार्टी के खिलाफ तीखे तेवर अपनाए है वह उनकी प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है।

हर्षवर्धन सिंह चौहान-पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान भी टिकट के तगड़े दावेदार है। पिता नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद हुए उपचुनाव में पार्टी नेतृत्व ने हर्षवर्धन को टिकट नहीं देकर ज्ञानेश्वर पाटिल को मौका दिया था। इसके बाद अब यह माना जा रहा है कि हर्षवर्धन सिंह चौहान को भाजपा विधानसभा चुनाव में मैदान में उतार सकती है। 

मुदित शेजवार-पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार भी टिकट की दावेदारी कर रहे है। रायसेन जिले की सांची सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे मुदित की राह में सबसे बड़ा रोड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री प्रभुराम चौधरी है। उपचुनाव में प्रभुराम चौधरी का अंदरखाने विरोध करने पर मुदित शेजवार को पार्टी नेतृत्व की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा था।

सुकुर्ण मिश्रा-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में दतिया से टिकट के एक दावेदार गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकुर्ण मिश्रा का नाम भी शामिल है। चुनाव से पहले सुकुर्ण मिश्रा दतिया विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय है। सुकुर्ण मिश्रा दतिया में धार्मिक आयोजन के साथ भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हो रहे है।

सिद्धार्थ मलैया-चुनाव से ठीक पहले पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया की  पार्टी में वापसी के बाद यह तय माना जा  रहा था कि पार्टी सिद्धार्थ मलैया को दमोह से  मौका देगी।

भाजपा की सियासत में परिवारवाद के चेहरे-अगर प्रदेश की राजनीति के अगर पन्नों के पलटे को पता चलता है कि परिवारवाद के सहारे सक्रिय राजनीति में एंट्री करने वाले नेताओं की एक लंबी चौड़ी सूची है। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय, कैलाश सांरग के पुत्र विश्वास सांरग, कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वादास रोहाणी के पुत्र अशोक रोहाणी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा जैसे प्रमुख नाम हैं।
ये भी पढ़ें
MP Election 2023 : मप्र में BJP निकालेगी विजय संकल्प यात्रा, गृहमंत्री शाह की बैठक में हुआ रोडमेप तैयार