क्या है चुनावी रेड कार्ड, क्यों डरे हुए हैं इससे अखिलेश यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का के छठ में चरण का मतदान 12 मई को होना है। इस चरण में कई दिग्गजों का सम्मान दांव पर लगा हुआ है। इन दिग्गजों में से एक अखिलेश यादव भी हैं, जिनकी लोकसभा सीट आजमगढ़ में भी 12 मई को मतदान होना है।
मतदान से पूर्व पत्रकारों के माध्यम से जनता से वोट की अपील करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा विभिन्न जातियों और धर्मों के बीच नफरत फैलाने की राजनीति कर रही है। बीजेपी की सरकार झूठ और घृणा पर आधारित है। ऐसा नहीं है कि जनता इनके बारे में नहीं जानती है, जनता सब कुछ जान चुकी है। जनता ने वोट के माध्यम से भाजपा को जवाब भी देना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के अंदर हार का डर साफ तौर पर देखा जा सकता है, जिसके चलते अब भाजपा 'रेड कार्ड' के जरिए चुनाव जीतना चाहती है। अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे समाजवादी पार्टी व गठबंधन को अधिक से अधिक रेड कार्ड जारी करें। ऐसा नहीं है कि सिर्फ आपको मैं बता रहा हूं आप चाहें तो सपा-बसपा के कार्यकर्ताओं से मिलकर देख सकते हैं। सरकारी तंत्र का कैसे दुरुपयोग करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को रेड कार्ड जारी कराने में लगी हुई है।
अखिलेश ने कहा कि आपके माध्यम से एक बार फिर से मैं चुनाव आयोग से निवेदन कर रहा हूं। मामले को गंभीरता से लें और देखें कि क्या हो रहा है। यह कहां का नियम है कि 'रेड कार्ड' सिर्फ सपा-बसपा कार्यकर्ताओं को ही जारी किए जाएंगे? क्या बीजेपी में हर कोई साफ है, क्या कोई ऐसा अपराधी पृष्ठभूमि वाला नहीं है, जिसे रेड कार्ड जारी किया गया हो। इतना ही नहीं हमारे लोगों को वोट डालने से रोकने का काम कर रहे हैं पर हम लोग अब डरने वाले नहीं हैं।
क्या है लाल कार्ड? : छठवें चरण के लोकसभा चुनाव के मतदान को शांतिपूर्ण से निपटाने के लिए पुलिस प्रशासन के द्वारा ऐसे असामाजिक व अपराधी किस्म के लोगों को खास तौर पर चिह्नित किया है, जो बवाल कर सकते हैं। इन्हें 'रेड कार्ड' जारी किया गया है। मतदान के दिन वोट डालने के बाद एक तरह से वे घर में नजरबंद कर दिए जाएंगे। न तो किसी से मिल-जुल सकेंगे और न ही कहीं आ-जा पाएंगे। पुलिस इन पर नजर रखेगी। इसका उल्लंघन करने पर पुलिस उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।