भोपाल के चुनावी रण में नेतागिरी की जगह बाबागिरी का बोलबाला, कर्म पर भारी कर्मकांड की सियासत
भोपाल। अब तक आपने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के बयान, उनके व्यक्तित्व या उनकी सभाओं के बारे में चर्चा सुनी होगी। लेकिन इस बार भोपाल लोकसभा सीट पर चुनावी नजारा एकदम अलग रंग में रंगा नजर आ रहा है। भोपाल में नेताओं की नेतागिरी की ज्यादा बाबाओं के बाबागिरी के चर्चे हैं।
भाजपा की तरफ से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनावी मैदान में उतरने के बाद से ही इस संसदीय सीट का नजारा एकदम बदल सा गया है, हर तरफ भगवा और हिंदुत्व की चर्चा हो रही है। बात चाहे चौराहों पर होने वाली सियासी चर्चा की हो या चाय की दुकान पर होने चुनावी चर्चा की, हर ओर भगवा और हिंदुत्व की चर्चा ही हो रही है।
भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा के नामांकन के मौके पर भोपाल की सड़कों पर साधु-संतों का जमावड़ा देखना को मिला तो वहीं कई भगवाधारी साधु संत साध्वी प्रज्ञा के लिए चुनाव प्रचार करते हुए भी दिखाई दिए। दूसरी ओर अब जब चुनाव प्रचार अंतिम दौरे में है तो कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के समर्थन में कंप्यूटर बाबा का हठयोग चर्चा में है।
कंप्यूटर बाबा ने भोपाल के शेफिया कॉलेज के मैदान में जो हठयोग किया, उसमें खुद दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी के साथ शामिल हुए। कंप्यूटर बाबा जो चुनाव के समय अपनी बाबागिरी के लिए चर्चा में रहना अच्छी तरह जानते हैं, अब दिग्विजय सिंह को अपने हठयोग से जीत दिलाने का दावा कर रहे हैं।
इसके साथ साथ कंप्यूटर बाबा दावा करते हैं कि देश भर के साधु-संत दिग्विजय सिंह के साथ हैं और इसको प्रमाणित करने के लिए वो दिग्विजय के समर्थन में बुधवार को हजारों संतों के साथ रोड शो करने जा रहे हैं। पहले भाजपा का साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को टिकट देकर मैदान में उतारना, फिर अब दिग्विजय सिंह का कंप्यूटर बाबा के हठयोग में शामिल होने के बाद जो तस्वीर निकलकर सामने आई उसको देखकर तो यही कहा जा सकता है, कि भोपाल के चुनावी रण में बाबागिरी नेतागिरी पर भारी पड़ रही है।