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Last Updated : गुरुवार, 9 जनवरी 2020 (10:18 IST)

रूस ने परमाणु हमले की आशंका जताई, भारत ने जारी की एडवाइजरी

रूस ने परमाणु हमले की आशंका जताई, भारत ने जारी की एडवाइजरी - America fears nuclear attack in Iran
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए रूस के एक सांसद व्लादिमीर ने परमाणु हमले की आशंका जताई है। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है।
 
रूस के सांसद व्लादिमीर दिजाबारोव ने संसद में यह बयान ईरान के अमेरिका के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद दिया। दिजाबारोव ने कहा कि अमेरिका और ईरान का एक-दूसरे के खिलाफ हमला युद्ध का संकेत है। अमेरिका अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया तो परमाणु हमला हो सकता है। रूस ने संयुक्त राष्ट्र संघ से मध्य-पूर्व के इलाके में शांति बनाने के लिए दोनों देशों के बीच हस्तक्षेप कर तनाव कम करने की अपील की है।
भारत ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी
ईरान के इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद भारत समेत दुनिया के कई देशों ने अपने नागरिकों को इन इलाकों में यात्रा करने पर एडवाइजरी जारी की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर लोगों से बिना काम इराक न जाने सलाह दी है, साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी खाड़ी देशों के नेताओं के साथ बातचीत कर हालात का जायजा लिया है।
इस हमले के बाद कई देशों ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने को कहा है। संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री सुहैल अल मजरूई ने कहा है कि तेल की फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है। मजरूई ने कहा कि अभी युद्ध की स्थिति नहीं है तथा हम तनाव कम होने की आशा कर रहे हैं। सभी संयम से काम लें, यही हम चाहते हैं।
 
वहीं जापान ने भी दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है। जापान की संसद के प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने कहा कि तनाव क्षेत्र में हम अपने लोगों की सुरक्षा को पुख्ता कर रहे हैं। तनावग्रस्त देशों के अधिकारियों से मौजूदा स्थिति की जानकारी जुटाने की कोशिश जारी है।
 
ऑस्ट्रेलिया के 300 जवान इराक में तैनात हैं। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने हमले के बाद हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि हालात को काबू करने के लिए अमेरिका उचित कदम उठा रहा है।
 
इस समय करीब 70 लाख भारतीय लोग मध्य-पूर्व के देशों में रहते हैं। अगर पूरा इलाका युद्ध की चपेट में आ जाता है तो इन भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालने को लेकर कोई योजना है या नहीं, इस पर भी सवाल उठने लगे हैं। तेल के दामों में आया उछाल और खाड़ी देशों से आने वाले रेमिटेंस में कमी से आर्थिक हालात तो पहले ही चिंताजनक हो गए हैं।
 
एसबी/आरपी (एपी, रॉयटर)
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