पेट्रोल कीमतों पर सरकार सुरक्षात्मक मुद्रा में
नई दिल्ली। पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से निशाने पर आई सरकार ने बुधवार को कहा कि वह उपभोक्ताओं के हितों का पूरा खयाल रखेगी। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें इस समय 55 डॉलर के आसपास हैं, जो कि 2014 की तुलना में लगभग आधी हैं। उस समय पेट्रोल की कीमतें 72 रुपए के आसपास थीं, जबकि वर्तमान में 80 रुपए तक पहुंच चुकी हैं।
दोनों ईंधनों की कीमत तीन वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच जाने के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में हुई वृद्धि का असर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम जल्द कम होंगे।
प्रधान ने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल को भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने
पर विचार करेगी जिससे इनके दाम में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह जाएगा। अभी इन्हें जीएसटी से बाहर रखा गया है और पहले की तरह राज्य सरकारें इस पर वैट लगाती हैं जिससे राज्य दर राज्य इनकी कीमतों में भारी अंतर देखने को मिलता है।
इस साल 16 जून से देश भर में पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय किए जाते हैं। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी ऑइल इंडिया की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार इस साल 13 जुलाई के बाद से 61 दिन में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं की गई। पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 13 जुलाई को 63.91 रुपए थी जो बढ़कर 13 सितंबर को 70.38 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की यह कीमत 15 अगस्त 2014 (72.51 रुपए प्रति लीटर) के बाद का उच्चतम स्तर है। हालांकि उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 100 डॉलर प्रति लीटर से ऊपर थी, जो इस समय 55 डॉलर के आसपास है। (एजेंसियां)