India vs Canada : जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया। इस बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तेवर कुछ ठंडे हुए हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि कनाडा भारत के साथ तनाव को बढ़ाना नहीं चाहता है। खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या मामले को लेकर दोनों देशों में जारी राजनयिक विवाद के बीच ट्रूडो ने कहा कि ओटावा नई दिल्ली के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखेगा।
				  																	
									  
	 
	टोरंटो सन अखबार की खबर के मुताबिक, ट्रूडो ने ओटावा में पत्रकारों से कहा कि कनाडा के लिए भारत में जमीनी स्तर पर राजनयिकों का होना महत्वपूर्ण है।
				  
	 
	उनका यह बयान लंदन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत शेष बचे 62 कनाडाई राजनयिकों में से 41 को वापस भेजना चाहता है।
				  						
						
																							
									  
	 
	अखबार ने ट्रूडो के हवाले से कहा कि जाहिर है, हम इस समय भारत के साथ बेहद चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार जवाबी कार्रवाई में भारत से कनाडा में तैनात राजनयिकों को हटाने के लिए कहेगी, ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार नई दिल्ली के साथ काम करना जारी रखने की कोशिश करेगी।
				  																	
									  
	 
	ट्रूडो ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा है, हम तनाव बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। हम वह काम करना चाहते हैं, जो इस बेहद कठिन समय में भारत के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखने के लिए मायने रखता है।
				  																	
									  
	 
	इस बीच, विदेश मंत्री मेलानी जोली ने ओटावा में पत्रकारों से कहा कि सरकार भारत में मजबूत राजनयिक उपस्थिति में विश्वास करती है।
				  																	
									  
	 
	उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार के संपर्क में हैं। हम कनाडाई राजनयिकों की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेते हैं। हम निजी तौर पर बातचीत करना जारी रखेंगे क्योंकि हमारा मानना है कि राजनयिक बातचीत निजी रहने पर ही बेहतर होती है।
				  																	
									  
	 
	भारत ने कनाडा के आरोपों को 'बेतुका' और 'प्रेरित' कहकर खारिज कर दिया था। इस मामले पर ओटावा में एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।
				  																	
									  
	 
	ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने 18 जून को निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने उसे 2020 में आतंकवादी घोषित किया था।
				  																	
									  
	 
	भारत ने 21 सितंबर को कनाडा से देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा क्योंकि नई दिल्ली के खिलाफ ओटावा के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गए थे।
				  																	
									  
	 
	विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले हफ्ते वाशिंगटन में पत्रकारों से कहा था कि भारत और कनाडा की सरकारों को एक-दूसरे से बात करनी होगी और देखना होगा कि मतभेद कैसे सुलझाए जा सकते हैं। एजेंसियां Edited by:  Sudhir Sharma