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Last Modified: शनिवार, 25 मार्च 2023 (18:57 IST)

एक रेयर सिंड्रोम ने बदली महिला की जिंदगी, 14 महीने तक नहीं कर पाई थी पेशाब

एक रेयर सिंड्रोम ने बदली महिला की जिंदगी, 14 महीने तक नहीं कर पाई थी पेशाब - A rare syndrome changed a woman's life
ब्रिटेन में रहने वाली एली एडम्स को लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में भर्ती किया गया तब उन्हें बताया गया कि उनके ब्लेडर में 1 लीटर यूरिन मौजूद है। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला कि अक्टूबर 2020 में एली एडम्स ने पाया कि अधिक मात्रा में पानी पीने के बादजूद वे पेशाब नहीं जा पा रही थीं।

एली ने बताया कि इसके पहले उन्हें कोई बीमारी नहीं थी, वे पूरी तरह स्वस्थ थीं। डॉक्टर्स ने एली को एक इमरजेंसी कैथेटर दिया, जिससे एक ट्यूब के माध्यम से ब्लेडर में मौजूद यूरिन को बाहर निकाला जा सके।

दरअसल, दिसंबर 2021 में उन्हें पता चला कि उन्हें Fowler’s syndrome नामक एक रेयर सिंड्रोम हुआ है। एली 14 महीने तक यूरिनेट नहीं कर पाई थीं। डॉक्टरों के द्वारा उन्हें Sacral Nerve Stimulation (SNS) करवाने की सलाह दी गई।

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार महिलाओं में यूरिनरी ब्लेडर 500 मिलीलीटर एवं पुरुषों में 700 मिलीलीटर तक होल्ड कर सकता है। सबसे पहले सन् 1985 में Fowler’s Syndrome का वर्णन किया गया था।

युवा महिलाओं में इस सिंड्रोम के कारण यूरिनरी रिटेंशन यानी पानी सामान्य तरीके से बाहर नहीं निकल पाता। यह समस्या sphincter (एक प्रकार की मांसपेशी) के फेलियर से होती है जिसकी वजह से यूरिन बाहर निकल पाता है।

आखिरकार जनवरी 2023 में उन्होंने (SNS) का ऑपरेशन करवाया। एली ने अपने बयान में कहा कि अब उनकी कैथेटर पर निर्भरता 50 प्रतिशत तक कम हो चुकी है। दूसरों के लिए यूरिनेशन जैसी सामान्य प्रक्रिया एली के लिए अभी भी थोड़ी मुश्किल है।

उन्होंने बताया कि उनके लिए ऐसे जीवन की कल्पना कर पाना मुश्किल साबित हो रहा था, जहां उन्हें कैथेटर के सहारे अपना बाकी का जीवन गुजारना पड़े।
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