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Last Updated :इंदौर , शुक्रवार, 17 मई 2024 (09:43 IST)

फौजियों जैसी वर्दी मामले में बैकफुट पर इंदौर नगर निगम, विवाद के बाद बदलाव का फैसला

फौजियों जैसी वर्दी मामले में बैकफुट पर इंदौर नगर निगम, विवाद के बाद बदलाव का फैसला - indian army dress indore nagar nigam removal gang news
indian army dress indore nagar nigam removal gang news : इंदौर नगर निगम (IMC) द्वारा अपने अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए नयी वर्दी के चयन पर विवाद के बाद शहरी निकाय के प्रशासन ने गुरुवार को इस पोशाक में बदलाव का फैसला किया। अधिकारियों ने बताया कि आईएमसी के अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए ‘कैमोफ्लॉज’ वर्दी का चयन किया गया था। ALSO READ: इंदौर नगर निगम की वर्दी पर क्यों मचा है बवाल? U टर्न की तैयारी में निगम

क्या बोले महापौर : हालांकि नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एक बयान में कहा है कि निगम द्वारा एकरूपता, अनुशासन के लिए नगर निगम की रिमूवल टीम को दी गई विशेष प्रकार की वर्दी पहनने से यदि पूर्व सैनिकों की भावना आहत होती है तो वर्दी में जो भी आवश्यक चेंजेस की आवश्यकता होगी वे किए जाएंगे। 
 
कमिश्नर बोले करवा रहे हैं रिडिजाइन : निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने भी वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि यूनिफॉर्म सिर्फ कर्मचारियों में अनुशासन लाने के लिए उद्देश्य से पहनाई गई है। चर्चा के हमने तय किया है कि इस वर्दी को रिडिजाइन करवा रहे हैं। साथ इसके स्वरूप में भी बदलाव लाएंगे। 
 
क्या कहता है कानून : कुछ सालों पहले तक निजी सुरक्षा गार्ड सेना और पुलिस जैसी वर्दी पहना करते थे, लेकिन सेना की आपत्ति के बाद सरकार ने भी सख्त रुख अपनाते हुए इस पर कानून बना दिया था। प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण अधिनियम (विनियमन) अधिनियम, 2005 के अनुसार यदि कोई प्राइवेट सुरक्षा गार्ड या पर्यवेक्षक सेना, वायुसेना, नौसेना या संघ के किसी अन्य सशस्त्र बल या पुलिस की वर्दी पहनेगा या ऐसी पोशाक पहनेगा जो उस वर्दी के समान हो या उस पर उस वर्दी के सुभिन्न (समान) चिह्न लगे हों, तो वह प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण या स्वत्वधारी (मालिक), कारावास से जिसकी अवधि 1 वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से जो 5 हजार रुपए तक का हो सकेगा, अथवा दोनों से दंडनीय होगा।

कांग्रेस ने बताया था सेना का अपमान : कांग्रेस ने इस पहनावे को ‘फौजियों जैसी वर्दी’ करार देते हुए आरोप लगाया था कि आईएमसी के अतिक्रमण रोधी दस्ते के 'भ्रष्ट' कर्मचारियों के यह वर्दी पहनने से सेना का अपमान हो रहा है।
 
आईएमसी में प्रतिपक्ष के नेता चिंटू चौकसे ने इस वर्दी पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने बुधवार को कहा था, आईएमसी प्रशासन ने अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए फौजियों जैसी वर्दी चुनकर सेना का अपमान किया है। ये कर्मचारी ठेलों और रेहड़ी वालों से अवैध वसूली के लिए बदनाम हैं। चौकसे ने यह भी कहा था कि अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों का फौजियों जैसी वर्दी पहनना कानूनन गलत है।