शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023
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POK का भूगोल और इतिहास, जानिए कुछ खास

शुक्रवार,फ़रवरी 24, 2023
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प्राचीन काल में ऐसी कई भाषाएं या उनकी लिपियां लुप्त होकर अब रहस्य का विषय बनी हुई है। भारत की इन लिपियों का रहस्य खुल जाए तो भारत के प्राचीन इतिहास का भी एक नया ही आयाम खुल सकता है। भारत में कई जगह ऐसी लिपियों में कुछ लिखा हुआ है जिन्हें अभी तक पढ़ा ...
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Story of POK : भारत में जब से नरेंद्र मोदी की सरकार आई है तभी से पीओके यानी पाक अधिकृत कश्मीर को पुन: भारत में मिलाने की कवायद शुरू होने की संभावना समय समय पर व्यक्त की जाती रही है। धारा 370 हटाने के पूर्व भारत सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर का नाम ...
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विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का अपना एक नया संसद भवन बनने जा रहा है। इसी कड़ी में आज 11 जुलाई को भारत के प्रधानमंत्री और लोकसभा स्पीकर ने 20 फ़ीट ऊँचे और 9500 किलो वजनी विशालकाय अशोक स्तम्भ का अनावरण भी किया। आइए जानते हैं इस अशोक स्तम्भ का इतिहास
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इतिहास में पढ़ाया जाता है कि लुटेरे शाहबुद्दीन मोहम्मद गौरी से पृथ्वीराज चौहान हार गए थे। लेकिन यह एक अधूरा सत्य है। आओ जानते हैं वीर सम्राट पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के युद्ध की स्टोरी।
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History of Maharana Pratap: राजस्थान के मध्यकालीन इतिहास का सबसे चर्चित हल्दीघाटी युद्ध मुगल सम्राट अकबर ने नहीं बल्कि महाराणा प्रताप ने जीता था। साल 1576 में हुए इस भीषण युद्ध में अकबर को नाको चने चबाने पड़े और आखिर जीत महाराणा प्रताप की हुई। ...
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The Great Maharana Pratap: वर्षों से महाराणा प्रताप की महानता को दबाया गया है। उनके सामने तुर्क विदेशी सम्राट अकबर को महान बताया जाता रहा है, जबकि अकबर एक क्रूर शासक था और जिसमें महानता के जरा भी गुण नहीं थे। अकबर भारत के कई राजाओं से युद्ध हारा था। ...
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महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनके कुल देवता एकलिंग महादेव हैं। मेवाड़ के राणाओं के आराध्यदेव एकलिंग महादेव का मेवाड़ के इतिहास में बहुत महत्व है।
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उनके पास जो भव्य तैल चित्र थे जिन्हें एम.एफ़ हुसैन, राजा रवि वर्मा, जैमिनी रॉय, जे. स्वामीनाथन, सदानंद बकरे और अन्य कई लोगों ने बनाया था, पिछली सदी के पुराने जड़न-घड़न के बर्तन जैसे चायदानी, खिलौनों के बर्तन, छोटे मंदिर, ट्रे, बॉउल, गुलाबदानी थे, वे ...
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आजकल क़ुतुब मीनार काफी प्रचलन में है। ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि यह सम्राट चन्द्रगुप्त (द्वितीय) विक्रमादित्य के नौरत्नों में से एक वराहमिहिर ने बनवाया था और इसका नाम विष्णुस्तंभ है। क़ुतुब मीनार परिसर में पुरातत्व बोर्ड पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि यह ...
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हाल ही में सीएम योगी ने यह ट्वीट पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत में किया है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘शेषावतार भगवान श्री लक्ष्मण जी की पावन नगरी लखनऊ में आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन…’ इस ट्वीट के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या अब लखनऊ का नाम ...
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मध्यप्रदेश के मंदसौर में एक तहसील है-भानपुरा। यहां महाराजा यशवंत राव होल्कर की समाधि है जिसे भानपुरा की छत्री के नाम से जाना जाता है। यह पहले होल्कर ट्रस्ट के आधीन थी पर 2013 से पुरातत्व विभाग के द्वारा अधिकृत कर ली गई। इसे एक संग्रहालय में ...
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मंदसौर का यशोधर्मन पुरातत्व संग्रहालय आज अपना संरक्षण मांग रहा है। इस 25 वर्ष पुराने संग्रहालय की हालत ऐसी है कि संग्रहालय का नाम ही क्षत-विक्षत अवस्था में दिखता है। संग्रहालय की स्थिति भी दयनीय दिखती है और मेंटनेंस नहीं दिखता है।
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दरअसल भारत के स्वतंत्र होने के पश्चात, सन 1950 में भाषावार प्रान्तों के गठन के दौरान अपने जन्म से ही मध्य प्रदेश, विषमरूपी एकत्रीकरण/ हेटेरोजीनस असेम्बलेज से बना प्रदेश है।
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History of Vishnu dhruv stambha Qutub Minar : कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ या विष्णु स्तंभ कहे जाने की बात एक बार फिर उठी है। हिन्दू इतिहास के जानकार कहते हैं कि पहले यह एक वैधशाला थी जहां पर से खगोलीय घटनाओं को देखकर दर्ज किया जाता था। 2.5 मीटर ऊँची ...
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Tajmahal 22 rooms: हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ताजमहल के 22 बंद कमरों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं हिन्दू देवताओं की मूर्तियों तो नहीं ...
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यशोधर्मन पुरातत्व संग्रहालय की बदहाली पर प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद पड़ताल को आगे बढ़ाया गया। प्राप्त तथ्यों और जानकारियों के आधार पर हमने इस विषय का एक और पक्ष देखा। असल में ये मूर्तियां आसपास के गांवों के निवासी यहां छोड़ जाते हैं। मंदसौर और नीमच के ...
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सिर के पहनावे को कपालिका, शिरस्त्राण, शिरावस्त्र या शिरोवेष कहते हैं। यह कपालिका कई प्रकार की होती है। प्रत्येक प्रांत में यह अलग-अलग किस्म, नाम, रंग और रूप में होती है। राजा-महाराजाओं के तो एक से एक स्टाइल के टोप, पगड़ी या मुकुट हुआ करते थे लेकिन ...
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History of rana sanga in hindi: 12 अप्रैल 1482 को मेवाड़ के चित्तौड़ में जन्मे महाराणा संग्रामसिंह ऊर्फ राणा सांगा की 30 जनवरी 1528 को मृत्यु हुई थी। राणा कुम्भा के पोत्र और राणा रायमल के पुत्र राणा सांगा अपने पिता के बाद सन् 1509 में मेवाड़ के ...
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भारत का इतिहास बहुत ही वृहत्तर है। यह आरोप है कि भारत के इतिहास को लेकर पूर्व के इतिहासकारों में मतभेद का कारण मत भिन्नता है या उनका किसी विशेष विचारधारा से जुड़ा होना रहा है और साथ ही इतिहास के तथ्‍यों का प्रमाणों के साथ अपडेट करने की जरूरत भी होती ...
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