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  4. 5 Common summer illness Precautions for chronic patients in summer
Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 (18:11 IST)

इन 6 तरह के लोगों को परेशान कर सकता है गर्मी का मौसम, जानिए बचने के इंस्टेंट टिप्स

5 Common summer illness
Precautions for chronic patients in summer: गर्मियों का मौसम एक ओर जहां आम जीवन में आलस और सुस्ती लेकर आता है, वहीं यह कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। तेज धूप, उमस, लू (Heatwave) और शरीर में पानी की कमी से ऐसे मरीजों की हालत और खराब हो सकती है। डिहाइड्रेशन, लू लगना, थकावट और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव जैसी स्थितियां आम हैं। यदि आप किसी पुराने रोग से पीड़ित हैं, तो इस मौसम में विशेष सावधानी की जरूरत होती है। यहां हम बात करेंगे उन 6 बीमारियों की, जो गर्मी में अधिक परेशानी बढ़ा सकती हैं। साथ में जानेंगे कि ऐसे मरीज कैसे खुद को बचा सकते हैं।
 
1. दिल की बीमारी: गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे हृदय रोगियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर असंतुलित होना, चक्कर आना और सांस फूलना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। खासकर जो लोग पहले से हार्ट सर्जरी करवा चुके हैं या जिनका बीपी अनियंत्रित रहता है, उन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए।
बचाव: अधिक से अधिक पानी पिएं। दिन के गर्म समय में बाहर निकलने से बचें। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें। साथ ही ठंडे और वेंटिलेटेड वातावरण में रहें।
 
2. हाई बीपी: गर्मी के मौसम में शरीर से अधिक पसीना निकलने से इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर गिर या बढ़ सकता है। ऐसे में हाई बीपी के मरीजों को चक्कर आना, थकावट और ब्लैकआउट जैसी समस्या हो सकती है।
बचाव: नियमित रूप से बीपी मॉनिटर करें। नमक की मात्रा नियंत्रित करें। हल्का खाना खाएं और ठंडी तासीर वाले ड्रिंक्स लें। धूप में ज्यादा समय न बिताएं।
 
3. अस्थमा और सांस की बीमारी: गर्मी में वातावरण में मौजूद धूल, परागकण और प्रदूषण सांस के मरीजों की हालत बिगाड़ सकते हैं। गर्म हवा फेफड़ों में जलन पैदा करती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत और खांसी बढ़ सकती है।
बचाव: मास्क पहनकर ही बाहर निकलें। घर में हवा शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं। अपना इनहेलर हमेशा अपने साथ रखें। अस्थमा है तो बहुत ज्यादा ठंडे जूस या कोल्ड ड्रिंक्स पीने से बचें।
 
4. डायबिटीज: गर्मियों में ज्यादा पसीने से शरीर में पानी की कमी होती है, जिससे डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है। शारीरिक थकावट और इंसुलिन के प्रभाव में बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
बचाव: हर दो घंटे में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। मीठे ड्रिंक्स और जूस से परहेज करें, जैसे पैक्ड जूस। इसकी बजाये ज्यादा मात्रा में फल-सब्जियां खाएं। ब्लड शुगर की नियमित जांच करें। 
 
5. लिवर रोग: लिवर से जुड़ी समस्याएं जैसे फैटी लिवर या सिरोसिस गर्मी में और बिगड़ सकती हैं, क्योंकि शरीर का मेटाबॉलिज्म असंतुलित हो जाता है। पसीना अधिक आना, कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं आम होती हैं।
बचाव: ठंडे और हल्के आहार लें। अल्कोहल और बहुत ऑयली खाना टालें। दिन में कम से कम दो बार आराम करें। डॉक्टर की सलाह से टॉनिक या सप्लीमेंट लें।
 
6. स्किन डिजीज, एलर्जी और फंगल इंफेक्शन: गर्मियों में त्वचा से जुड़ी परेशानियां जैसे फंगल इंफेक्शन, घमौरी, एलर्जी, खुजली आदि बढ़ जाती हैं। पसीना त्वचा को नम बनाता है जिससे बैक्टीरिया और फंगस को पनपने का मौका मिलता है।
बचाव: नहाने के पानी में नीम की पत्तियां डालें। सूती और हल्के कपड़े पहनें। त्वचा को सूखा और साफ रखें। त्वचा पर किसी क्रीम का इस्तेमाल डॉक्टर से पूछकर करें। 


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