वाईएस जगनमोहन रेड्डी का जन्म आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वायएस राजशेखर रेड्डी के घर 21 दिसंबर 1972 को कडपा जिले के पुलिवेंडुला ग्राम में हुआ।
माता का नाम वायएस विजयलक्ष्मी है। जगन की प्रारंभिक शिक्षा पुलिवेंडुला के हैदराबाद पब्लिक स्कूल में ही हुई। इसके बाद जगनमोहन ने हैदराबाद विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की।
छोटी बहन वाय.एस. शर्मिला भी राजनीति में हैं। 28 अगस्त 1996 को भारती रेड्डी से उनका विवाह हुआ। दो बेटियां हैं, हर्षा रेड्डी और वर्षा रेड्डी।
जगमोहन रेड्डी को राजनीति विरासत में मिली है। इनके पिता 2004 से 2009 के बीच आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री थे। एक हवाई दुर्घटना में जिनका निधन हो गया। मां वाईएस विजयम्मा पुलिवेंडुला से विधायक हैं।
जगनमोहन ने राजनीति में अपनी करियर की शुरुआत करने से पहले पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत की। राजनीतिक करियर का श्रीगणेश 2004 के लोकसभा चुनाव से किया, जिसमें इन्होंने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था।
2009 में जगमोहन ने पहली बार कांग्रेस के टिकट पर कोडपा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे मनमोहन सरकार में फाइनेंस कमेटी के सदस्य बने। 2010 में जगमोहन ने अपने पद सहित कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
इसी वर्ष दिसंबर 2010 में जगनमोहन ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बनाई और 2010 में ही हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। फरवरी 2011 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पूर्ण रूप से क्षेत्रीय पार्टी बन गई।
आंध्रप्रदेश उच्य न्यायालय के आदेश पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो और एन्फोर्समेंट निदेशालय इस बात की छानबीन कर रहे थे कि जगनमोहन रेड्डी की संपत्ति पांच वर्ष से भी कम समय में 24 करोड़ रुपए से बढ़कर 470 करोड़ रुपए तक कैसे पहुंच गई और उनकी कई कंपनियों में पूंजी कहां से और कैसे आई। साथ ही जगनमोहन पर यह आरोप भी था कि 2004 चुनाव के दौरान उनकी कुल संपत्ति 9.2 लाख थी, जो अप्रैल 2009 तक 77 करोड़ हो गई। वर्ष 2011 तक इनकी कुल आय 365 करोड़ आंकी गई।
सीबीआई ने मई 2012 में आय से अधिक संपति रखने के आरोप में जगनमोहन को गिरफ्तार किया था। जगनमोहन रेड्डी पर आरोप था कि जब उनके पिता वाईएसआर रेड्डी आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तो उनके व्यवसाय में कई कंपनियों ने करोड़ों रुपए का निवेश किया और बदले में उन्हें सरकार की ओर से लाभ पहुंचाया गया।
अंतत: 16 महीनों तक चंचलगुड़ा सेंट्रल जेल में रहने के बाद विशेष सीबीआई न्यायाधीश यू.दुर्गाप्रसाद राव ने 2 लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के मुचलकों पर जमानत दे दी। सितंबर 2013 में उनकी रिहाई हुई।
कैद के दौरान उन्होंने अलग तेलंगाना राज्य बनाए जाने की मांग का यूपीए सरकार द्वारा समर्थन करने के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी की। 125 घंटे की हड़ताल के बाद उनका शुगर लेवल और रक्तचाप काफी कम हो गए थे। बाद में उन्हें उपचार के लिए उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया। उनकी मां विधायक विजयम्मा भी इसी मुद्दे को लेकर भूख हड़ताल पर थीं।
2008 में जगनमोहन रेड्डी के प्रभाव में और भी वृद्धि हुई जब उन्होंने एक बहुत बड़ा तेलुगू दैनिक समाचार पत्र 'साक्षी' शुरू किया। 23 एडिशन पर आधारित यह समाचार पत्र शुरू करने के लिए कई सौ करोड़ रुपए की पूंजी लगी।
बाद में यह बात सामने आई कि आंध्रप्रदेश की कई ऐसी कंपनियों ने इसमें पैसा लगाया था, जिन्हें वाईएसआर सरकार के कई फैसलों से लाभ मिला था। इसके अलावा वाईएसआर सरकार ने इस अखबार को दिल खोल कर सरकारी विज्ञापन देने शुरू किए और पहले एक वर्ष में ही उसे 80 करोड़ रुपए के विज्ञापन मिले।
2009 में मीडिया में जगन की ताकत और बढ़ गई, जब उन्होंने 'साक्षी' के नाम से एक टीवी चैनल भी शुरू कर दिया। इसके साथ ही विपक्ष को एक बार फिर यह आरोप लगाने का मौका मिल गया कि यह चैनल भ्रष्ट पैसे से शुरू किया गया है। मगर जगन की कंपनियों की संख्या और उनमें पूंजी निवेश भी बढ़ता चला गया। भारती सीमेंट के भी वो प्रमुख सहायक हैं।
इसके बाद अक्टूबर 2013 में पृथक तेलंगाना राज्य के विरोध में अनशन पर बैठे वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी को पांच दिन बाद ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। देर रात पुलिस अनशन स्थल पहुंची और उन्हें वहां से जबरदस्ती एम्बुलेंस में बिठाकर निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ले जाकर भर्ती कराया दिया गया था।
मई 2012 में उनकी गिरफ्तारी से पहले एक और विवाद उनसे जुड़ा था। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और कांग्रेस ने वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी के तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए जाने पर आपत्ति जताई थी। दोनों पार्टी के नेताओं का आरोप था कि जगन ने गैर हिन्दू होने के बावजूद प्राधिकारियों को भगवान में अपनी आस्था से जुड़ा अनिवार्य घोषणापत्र नहीं सौंपा।
टीडीपी के वरिष्ठ नेता डाडी वीरभद्र राव ने सांसद जगन पर आरोप लगाया था कि वे ईसाई (प्रोटेस्टैंट) हैं और उन्हें मंदिर जाने पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को अनिवार्य घोषणापत्र जरूर देना चाहिए था। यह घोषणापत्र नहीं देकर जगन ने श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचाया है।
उधर वाईएसआर कांग्रेस प्रवक्ता अंबाती रामबाबू ने इस आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि जगन इससे पहले भी मंदिर जा चुके हैं और ये आरोप अगले महीने होने वाले उपचुनाव में राजनीतिक लाभ उठाने के लिए लगाए गए हैं। जगन रेड्डी व्यावसायिक रूप से राजनीतिज्ञ, उद्योगपति, उद्यमी व मीडिया पर्सन भी हैं। उन्होंने इज़राइल, सिंगापुर, स्विट्ज़रलैंड, यूके आदि देशों की यात्राएं की हैं।