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Written By ND

नए चेहरों के बीच 'अपना' चुनने की चुनौती

नए चेहरों के बीच ''अपना'' चुनने की चुनौती -
- राजेश दुबे
परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के सामने नए चेहरों के बीच 'अपना' चुनने की चुनौती है। मैदान में तो प्रत्याशियों की कमी नहीं है, लेकिन मुकाबले में भाजपा के सच्चिदानंद (नंदू) उपासने और कांग्रेस के कुलदीप सिंह (पप्पू) जुनेजा आमने-सामने हैं। संगठन से वास्ता रखने वाले उपासने पहली बार मैदान में हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी जुनेजा को चुनाव लड़ने का तजुर्बा है। दो बार पार्षद का चुनाव लड़कर जीतने वाले जुनेजा इसकी बारीकियों से वाकिफ हैं।

रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से एक बड़े हिस्से को अलग कर रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के नाम से नई सीट बनाई गई है। कांग्रेस औऱ भाजपा में यहाँ से चुनाव लड़ने वालों की लंबी फेहरिस्त थी। दोनों ही दलों को इस क्षेत्र में अपना प्रत्याशी चुनने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार भाजपा ने उपासने और कांग्रेस ने जुनेजा के नाम पर मुहर लगाई।

अंतिम समय पर नाम तय होने के कारण इस क्षेत्र में प्रचार का काम कुछ देर से शुरू हुआ। भाजपा में दिक्कत इसलिए बढ़ गई, क्योंकि क्षेत्र में सिंधी मतदाताओं की निर्णायक संख्या है और टिकट के सशक्त दावेदार श्रीचंद सुंदरानी का नाम काट दिया गया। समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा नेताओं ने लगातार प्रयास किए। आखिरकार सुंदरानी को उत्तर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का चुनाव संचालक बनाने के बाद समाज का गुस्सा थोड़ा कम हुआ।

मूलतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े उपासने को चुनावी राजनीति में आने का रास्ता भाजपा के इसी अनुषांगिक संगठन से मिला। उनकी माता रजनीताई उपासने 1977 के विधानसभा चुनाव में रायपुर से विधायक बनने में सफल हुई थीं। संघ परिवार से संबंध और श्रीमती उपासने के मीसाबंदी होने का फायदा उपासने को मिला। ब्रेवरेज कार्पोरेशन के अध्यक्ष होने के नाते उनके पास कार्यकर्ताओं की टीम है, लेकिन संघ के रास्ते से चुनावी मैदान में आने के कारण स्वयंसेवक और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता भी उनके लिए प्रचार पर निकल पड़े हैं।

जहाँ तक मुद्दों का सवाल है, तो उपासने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नाम और काम पर वोट मांग रहे हैं। वे दावा कर रहे हैं कि प्रदेश का विकास भाजपा सरकार ही कर सकती है। चुनाव क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण के लिए कोई वादा नहीं करने से मतदाताओं में थोड़ी नाराजगी अवश्य है। मतदाताओं का कहना है कि नगर निगम में भाजपा का कब्जा होने के बावजूद समस्याओं का अंबार है। नगर निगम के कुछ भष्टाचार व कुछ पार्षदों का व्यवहार उपासने के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

दूसरी तरफ जुनेजा का नाम तय करते ही कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं को निराशा अवश्य हुई, लेकिन उन्होंने विरोध नहीं किया और खामोश बैठ गए। जुनेजा के साथ युवाओं की टीम के अलावा कांग्रेस पार्षद भी प्रचार में जुट गए हैं। नगर निगम में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस को जुनेजा के माध्यम से नगर निगम की अव्यवस्थाओं को सार्वजनिक करने का पूरा मौका मिल गया। नगर निगम से लेकर मंत्रालय तक के भ्रष्टाचार के विषय जुनेजा के तरकश के तीर हैं, जिन्हें वे मतदाताओं के सामने बोलते हैं। उनका साफ आरोप रहता है कि जिस विकास को लेकर भाजपा चुनावी नैया पार करने का सपना देख रही है, उसे शहरों मतदाता पूरा नहीं होने देंगे। मुख्य सड़कों पर डामर की परत चढ़ाना ही विकास नहीं है।

अंदरूनी इलाकों की गंदगी,मच्छर और प्रदूषण ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। उपलब्धियों के नाम पर जुनेजा कांग्रेस शासनकाल के तीन साल के काम की याद दिलाने के साथ यह भी बताते हैं कि वे जिस वार्ड के पार्षद हैं, वहाँ के नागरिकों की सुविधाओं के लिए उनकी लड़ाई रोज सुबह शुरू हो जाती है। इसके गवाह शहर के हजारों लोग होंगे, जो रोज सुबह उन्हें देवेंद्रनगर मोड़ पर सड़क किनारे बैठे देखते रहे हैं।

एक दर्जन दावेदारः इस क्षेत्र में कुल एक दर्जन प्रत्याशी भाग्य अजमा रहे हैं। इसमें सादिक अली बसपा, अनवर हुसैन समाजवादी पार्टी, चंद्रभान ध्रुव गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, दीपक भारद्वाज शिवसेना, प्रणय तिवारी भारतीय जनशक्ति पार्टी व सुनील मार्कोस अखिल भारतीय सिंधु समाजवादी पार्टी के अलावा निर्दलीय मनमोहन कुमार, राजेश गुप्ता, वसी काजमी तथा शंकरलाल वरंदानी शामिल हैं।

विस क्षेत्र में आने वाले इलाके : रमण मंदिर वार्ड, इंदिरा गांधी वार्ड, जवाहरलाल नेहरू वार्ड, तात्यापारा वार्ड, अब्दुल हमीद वार्ड, शहीद हेमू कालाणी वार्ड, राजीव गांधी वार्ड, वीरांगना अवंति बाई वार्ड, रानी लक्ष्मीबाई वार्ड, महात्मा गांधी वार्ड, सुभाषचंद्र बोस वार्ड, कालीमाता वार्ड, गुरु गोविंद सिंह वार्ड, रविशंकर शुक्ल वार्ड, शंकरनगर वार्ड, शहीद वीरनारायण सिंह वार्ड, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड, बाबू जगजीवन वार्ड, सिविल लाइंस वार्ड (आधा क्षेत्र), मदर टेरेसा वार्ड (आधा क्षेत्र), गुरु घासीदास वार्ड, महर्षि बाल्मिकी वार्ड (आधा क्षेत्र),सदर बाजार व अब्दुल रऊफ वार्ड का आंशिक क्षेत्र।