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Last Updated : गुरुवार, 20 जनवरी 2022 (12:16 IST)

पुष्पा द राइज के बॉक्स ऑफिस और ओटीटी सुपरहिट होने के 6 कारण: अल्लू अर्जुन की इस फिल्म की ये रही खासियत

अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा द राइज ने महामारी के बीच भी रिलीज होकर कामयाबी का नया रिकॉर्ड बना दिया। आखिर ऐसा क्या था फिल्म में?

The reason behind the success of allu arjun movie pushpa the rise download पुष्पा द राइज के बॉक्स ऑफि और ओटीटी सुपरहिट होने के 6 कारण: अल्लू अर्जुन की इस फिल्म की ये रही खासियत - The reason behind the success of allu arjun movie pushpa the rise download
दिसम्बर 2021 में ‍रिलीज होने वाली केवल दो फिल्मों की चर्चा थी। ‘स्पाइडरमैन नो वे होम’ और ‘83’। ‘पुष्पा : द राइज’ का दक्षिण भारत में जरूर शोर था, लेकिन हिंदी बेल्ट में इस फिल्म के बारे में बहुत कम लोग जानते थे। बड़े बेमन से, बिना किसी प्रचार के इस फिल्म को हिंदी में डब कर रिलीज कर ‍दिया गया। दक्षिण भारत में तो फिल्म ने धूम मचा दी, लेकिन हिंदी भाषी क्षेत्र में फिल्म की शुरुआत धीमी रही। स्पाइडरमैन से सीधी टक्कर जो थी, लेकिन धीरे-धीरे पुष्पा ने अपनी पकड़ बना ली और ‘83’ जैसी फिल्म को भी जोरदार टक्कर दी। खासकर छोटे शहरों में इस मसाला फिल्म को काफी पसंद किया गया। हिंदी वर्जन ने लगभग 85 करोड़ रुपये का कारोबार किया जो चौंकाने वाली बात है। इस समय ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पुष्पा की धूम है। आखिर क्यों ‍फिल्म हिट रही? क्यों पसंद की जा रही है? पेश है 6 कारण।

 
1) मसाला फिल्म पसंद करने वालों के अनुरूप
भारत में एक बड़ा दर्शक वर्ग है जो मसाला फिल्में बहुत पसंद करता है। मारा-मारी, रोमांस, बढ़िया लोकेशन, गाने, इमोशन जैसे सारे तत्व उसे एक ही फिल्म में चाहिए और वो भी संतुलित मात्रा में। ये दर्शक वर्ग ज्यादातर छोटे शहर और कस्बों में रहता है। ये मेहनतकश या मजदूर लोग होते हैं जो दिन भर कड़ी मेहनत करने के बाद इसी तरह की फिल्में देखना पसंद करते हैं। इस दर्शक वर्ग को बॉलीवुड ने भूला ही दिया है। वे मल्टीप्लेक्स और मेट्रो में रहने वाले लोगों की पसंद के अनुरूप ही ज्यादातर फिल्म बनाते हैं। मास या छोटे शहर वाले इसी कारण दक्षिण भारत की फिल्में देखना ज्यादा पसंद करते हैं। सिनेमाघर में इन्हें अपनी मनपसंद फिल्म देखने को नहीं मिलती तो ये टीवी पर फिल्म देखते हैं। आपने भी इस बात पर गौर किया होगा कि टीवी चैनल पर दिन रात साउथ की ‍िफल्में इसीलिए डब कर दिखाई जाती हैं। पुष्पा द राइज इन लोगों की पसंद के अनुरुप बनी फिल्म है इसलिए लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया। 
 
2) पुष्पा का किरदार 
फिल्म में पुष्पा का जो किरदार है वो ‘मास’ को बड़ा पसंद आता है। उसका लुक मजदूरों जैसा है। धनवानों के खिलाफ पंगा लेने से वह जरा भी नहीं घबराता है। आत्म सम्मान से बढ़कर उसके लिए कुछ भी नहीं है। कानून वह जब चाहे हाथ में ले लेता है। मजदूर वर्ग दिन भर शोषित रहता है। उसके मन में पीड़ा रहती है। जब कोई उनके जैसा किरदार फिल्म में वैसा व्यवहार करता है जैसा वे रियल लाइफ में सोचते हैं, लेकिन कर नहीं पाते हैं तो उन्हें बड़ा मजा आता है। 
3) पुष्पा का एटीट्यूड
पुष्पा का एटीट्यूड देखने लायक है। कंधा ऊंचा कर चलना। शर्ट की आड़ लेकर बीड़ी सुलगाना। दाढ़ी पर खास स्टाइल में हाथ फेरना। चप्पल में घूमना। अपने को किसी से कम नहीं समझना। चरित्रवान रहना। उसका यह स्वैग खूब पसंद किया गया और उसकी इन स्टाइल पर जमकर तालियां और सीटियां बजाई गईं। 
 
4) अल्लू का अभिनय 
अल्लू अर्जुन ने अपने इस किरदार को इस तरह अभिनीत किया कि पुष्पा जीवंत हो उठा। फिल्म की पहली फ्रेम से आखिरी तक अल्लू ने अपने किरदार को दांतों से पकड़ कर रखा। गुस्सा, हास्य और इमोशन को उन्होंने अच्छे से अभिनीत किया। उनका अभिनय देखने लायक है और इसी वजह से फिल्म अच्छी लगती है। 

5) डायरेक्शन और संवाद 
निर्देशक सुकुमार जानते थे कि वे किस टारगेट ऑडियंस को लेकर फिल्म बना रहे हैं। लिहाजा उन्होंने सिर्फ उनका ही ध्यान रखा। वे महान नहीं बल्कि ऐसी ‍िफल्म बनाना चाहते थे जो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे और इसमें वे सफल भी रहें। उन्होंने कुछ दृश्य अच्छे बनाए हैं और एक्शन फिल्म होने के बावजूद इमोशन और रोमांस को भी महत्व दिया है। 
 
6) अधूरी सी नहीं लगती
फिल्म के रिलीज के समय ही बता दिया गया था कि यह दो पार्ट में बनेगी और पुष्पा द राइज पहला भाग है। पहले भाग देखते समय यह एक पूरी फिल्म जैसा मजा देती है। दूसरे पार्ट का विलेन (शेखावत) को पहले भाग में दिखा दिया गया है। पुष्पा और शेखावत की दुश्मनी की चिंगारी सुलगा दी गई है जिससे दूसरे भाग के प्रति उत्सुकता बढ़ गई है। यह एक शानदार मूव है।