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Last Updated : गुरुवार, 10 अक्टूबर 2019 (13:06 IST)

जब पीएम मोदी ने उड़ाया था नींबू-मिर्च का मज़ाक- सोशल

जब पीएम मोदी ने उड़ाया था नींबू-मिर्च का मज़ाक- सोशल - When PM Modi mocked the lemon-chilli superstition by UP CM
फ्रांस में लड़ाकू विमान रफ़ाल की डिलीवरी के मौक़े पर आईं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की कुछ तस्वीरों पर राजनीतिक विवाद हो गया। उन तस्वीरों में जहां राजनाथ सिंह रफ़ाल पर ओम लिखते और नारियल रखते दिख रहे हैं, वहीं विमान के पहियों तले नींबू की तस्वीरों पर सोशल मीडिया में लोगों ने काफ़ी तंज़ कसा। कुछ लोगों ने इसे अंधविश्वास बताया तो कुछ लोगों ने इसे भारतीय परंपरा का सम्मान माना।
 
लेकिन खुद प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2017 में उत्तर प्रदेश के नोएडा में मेट्रो रेल के उद्घाटन के दौरान एक सभा में इस तरह के अंधविश्वास का मज़ाक उड़ाया था।
उन्होंने कहा था, 'आपने देखा होगा कि एक मुख्यमंत्री ने कार खरीदी, किसी ने कार के रंग के संबंध में कुछ बता दिया तो उन्होंने कार के ऊपर नींबू, मिर्च और जाने क्या-क्या रख दिया। मैं आधुनिक युग की बात कर रहा हूं। ये लोग देश को क्या प्रेरणा देंगे। ऐसे लोग सार्वजनिक जीवन का बहुत अहित करते हैं।'
 
तब प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर कथित अंधविश्वास के कारण नोएडा न आने को लेकर निशाना साधा था।
 
अमित शाह ने किया बचाव
प्रधानमंत्री का वो बयान अब सोशल मीडिया पर खूब साझा किया जा रहा है। साथ ही रफ़ाल लड़ाकू विमान के नीचे रखे नींबू की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुई हैं।
 
कुछ लोग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने के आरोप लगा रहे हैं। लेकिन राजनाथ सिंह का बचाव करते हुए बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा की एक चुनावी रैली में इसे भारतीय संस्कृति बताया। उन्होंने कहा, 'मैं तो कहता हूं कि ज़रा रात को सोचा करो कि किस चीज़ का विरोध करते हैं और किस चीज़ का विरोध नहीं करते।'
 
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'राजनाथ सिंह की शस्त्र पूजा' को तमाशा बताया है और कहा है कि हमने बोफोर्स तोपों का तमाशा नहीं किया था, ऐसे 'तमाशे की कोई ज़रूरत नहीं' है।
बीबीसी हिंदी के फ़ेसबुक पन्ने पर पाठकों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। माहताब आलम लिखते हैं, 'मुल्क़ की हिफाज़त के लिए रॉफेल ख़रीदा और रॉफेल की हिफाज़त के लिए नीबू! इससे अच्छा था कि बॉर्डर पर नीबू के पेड़ ही लगा देते। कम से कम दुश्मन के दाँत खट्टे करने के ही काम आता।'
 
संजय अग्रवाल ने लिखा है, 'कोई भी व्यक्ति जब नया वाहन खरीदता है तब जो महसूस करता है वही राफेल के लिए सोचो ना, इतना विवाद किसलिए।'
 
रणविजय ने लिखा है, 'अंधविश्वास और परंपरा में अंतर होता है, शस्त्र पूजा हमारी प्राचीन परंपरा है, इससे तकलीफ केवल नास्तिकों को हो सकती है।'
 
नवीन राज तिवारी लिखते हैं, 'रिबन कटे तो ठीक, केक कटे तो ठीक, शैंपेन की बोतल खुले तो ठीक, पर नारियल नींबू क्या इस्तेमाल कर लिया सबके अंदर वैज्ञानिक जाग उठे।'
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार अपने भाषणों में कहा है कि हम टेक्नोलॉजी और विज्ञान के युग में जी रहे हैं और हमें अपनी सोच को वैज्ञानिक बनाना चाहिए।
 
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