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Written By BBC Hindi
Last Modified: रविवार, 25 दिसंबर 2022 (12:15 IST)

मालदीव के नेता ने भारत के ख़िलाफ़ उकसाया तो वहां की पार्टियां आईं सामने

मालदीव के नेता ने भारत के ख़िलाफ़ उकसाया तो वहां की पार्टियां आईं सामने - Maldivian leader provoked against India, then the parties there came in front
मालदीव में विपक्षी पार्टी के एक नेता की ओर से माले में भारतीय उच्चायोग पर हमले की अपील की देश की सत्ताधारी और दूसरे राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है। मालदीव में विपक्षी दल प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (पीपीएम) के अब्बास आदिल रीज़ा ने भारतीय उच्चायोग में आग लगाने की अपील की थी।

अब्बास आदिल ने अपने ट्वीट में लिखा था, आठ फ़रवरी को अड्डु में भारत के कहने पर आगजनी और हमला हुआ था। लेकिन हमने पलटवार शुरू नहीं किया है। मैं इसे भारतीय उच्चायोग से शुरू करने का प्रस्ताव रखता हूं।लेकिन इस अपील के बाद वहां सत्ताधारी पार्टी समेत दूसरी राजनीतिक पार्टियां खुलकर उनके सामने आ गई हैं।इन राजनीतिक दलों ने विपक्षी दल के नेता की इस अपील की कड़ी निंदा की है।

सत्ताधारी पार्टी एमडीपी समेत कई राजनीतक दलों ने किया विरोध
सत्ताधारी पार्टी एमडीपी (मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी) ने इस अपील की निंदा करते हुए अधिकारियों से इसकी जांच करने को कहा है। पार्टी ने कहा है कि विपक्षी दल लगातार मालदीव और दोस्त देशों के साथ नफ़रत और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहा है। सत्ताधारी एमडीपी की पीपुल्स मजलिस यानी संसद में 60 सांसद हैं।

मालदीव थर्ड-वे डेमोक्रेट्स ने भी इस अपील की निंदा की है। अब्बास की इस अपील की सबसे पहले इसी पार्टी ने निंदा की है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा है, भारत हमारा सबसे नज़दीकी पड़ोसी है। जब भी मालदीव को ज़रूरत पड़ी है भारत मदद के लिए आगे आया है।

एक और राजनीतिक पार्टी मालदीव रिफॉर्म मूवमेंट ने लिखा, अधिकारियों को इसके खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उसने इसे हेट स्पीच करार दिया है। सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल जम्हूरी पार्टी ने अब्बास रीज़ा की इस अपील की आलोचना करते हुए कहा है, दोस्ताना संबंधों वाले देशों के खिलाफ नफरत और हिंसा भड़काने की कोशिश हो रही है।

मालदीव नेशनल पार्टी ने भी इस मामले की पूरी जांच करने की अपील की है। पार्टी ने कहा कि इस तरह की अपील से भारत और मालदीव के बीच बेहतरीन रिश्तों को नुकसान नहीं होना चाहिए। भारतीय उच्चायोग पर हमला और आगजनी की अब्बास आदिल रीज़ा की अपील के बाद उनकी पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अब्बास किस हमले का ज़िक्र कर रहे हैं?
दरअसल 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को सत्ता से बाहर कर दिया गया था। कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उन्हें इस्तीफा देने पर 'मजबूर' किया गया था। 8 फरवरी 2012 को उन्हें इस तरह सत्ता से हटाने के खिलाफ़ उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हुई थी।

नशीद को इस तरह से सत्ता से हटाने के खिलाफ़ प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई हिंसा को लेकर ही अब्बास ने कहा है कि ये भारत के इशारे पर की गई थी। अब्बास इस हिंसा का बदला लेने की अपील कर रहे हैं। लेकिन इस अपील का वहां काफी विरोध हो रहा है।

मालदीव की रक्षामंत्री मारिया दीदी ने कहा है, इस तरह की आगजनी और लूटपाट की अपील करना आतंकवाद गतिविधि है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह आतंकवाद को बिलकुल बर्दाश्‍त नहीं करेगी। भारत मालदीव के विकास में काफी नजदीकी सहयोगी है। मालदीव के विकास में नुकसान पहुंचाने की कोशिश मंज़ूर नहीं है।

कौन हैं अब्बास आदिल रीज़ा?
अब्बास पूर्व राष्ट्रपति राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामिन की सरकार में कमिश्नर जनरल ऑफ कस्टम्स थे। यामिन की सरकार को चीन की नज़दीकी माना जाता था। उनके वक्त मालदीव और भारत के रिश्तों में काफी गिरावट आई थी।

अब्दुल्ला यामिन की सरकार के दौरान वह मलेशिया में मालदीव के कमिश्नर जनरल ऑफ कस्टम्स और सरकार के ट्रेड रिप्रजेंटेटिव भी थे। अब्बास एक और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद वाहिद हसन के प्रवक्ता थे। वो वाहिद सरकार में वित्त राज्यमंत्री के पद पर भी रहे।
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