JDU नेता का दावा- UNESCO ने ‘जन गण मन’को किया सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित, जानिए सच...
सोशल मीडिया पर काफी समय से एक अफवाह फैल रही है कि यूनेस्को ने भारत के राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित किया है। पिछले कुछ सालों में बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी और मशहूर रेसलर बबीता फोगाट जैसे कई बड़े नाम भी इस अफवाह के जाल में फंस चुके हैं और इस बार जनता दल यूनाइटेड के नेता अजय आलोक भी फंस गए हैं।
शनिवार को अजय आलोक ने ट्वीट किया- “अभी कुछ देर पहले UNESCO ने जन गण मन यानी हमारे राष्ट्रीय गान को सर्व श्रेष्ठ घोषित किया हैं बधाई हो सभी को अब कुछ लोग ये मत कह देना की मोदी शाह ने मैनेज किया हैं।”
उनके इस ट्वीट को अब तक 25000 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है और करीब 4800 बार शेयर किया जा चुका है।
क्या है सच-
इस खबर की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले यूनेस्को की ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर चेक किया, लेकिन वहां इससे संबंधित कोई ट्वीट नहीं मिला। इसके बाद, जब हमने यूनेस्को की वेबसाइट पर Jana Gana Mana, best anthem कीवर्ड्स के साथ सर्च किया, तो हमें एक डॉक्यूमेंट मिला, जिसका शीर्षक था- ‘Far from the truth’। चूंकि उस डॉक्यूमेंट पर पहुंच सीमित थी, तो हमने उस डॉक्यूमेंट के दिख रहे वाक्य को इंटरनेट पर सर्च किया।
सर्च रिजल्ट में हमें ठीक उसी शीर्षक के साथ
डेक्कन हराल्ड की 2017 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि किन फर्जी खबरों को भारत की जनता ने सच मान लिया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, यूनेस्को द्वारा ‘जन गण मन’ को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित किया जाना भी उन्हीं फर्जी दावों में से एक है।
यह फर्जी खबर सबसे पहले 2008 में ईमेल के जरिए फैली थी। तब यूनेस्को के प्रतिनिधि ने इंडिया टूडे को बताया था कि उन्होंने ऐसे किसी पुरस्कार की कोई घोषणा नहीं की है।’
आपको बता दें कि हरियाणा का शिक्षा विभाग भी सोशल मीडिया पर चल रही इस फेक न्यूज का शिकार हो गई है। एससीईआरटी (State Council of Education Research and Training) ने चौथी कक्षा के बच्चों के लिए ‘झरोखा’ नामक किताब छपवाई है। इसमें बताया गया है कि यूनेस्को ने हमारे राष्ट्रगान को विश्व का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित किया है।
जब इसी साल जनवरी में एक जर्नलिस्ट ने इस गलती के बारे में सबका ध्यान आकर्षित करते हुए ट्वीट किया तो संयुक्त राष्ट्र सूचना केंद्र, नई दिल्ली के राजीव चंद्रन ने इस खबर को झूठ बताकर इसका खंडन किया। साथ ही कहा कि यूनेस्को कभी राष्ट्रगान को रेट नहीं करता है।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि UNESCO ने ‘जन गण मन’को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित नहीं किया है। यूनेस्को ऐसा कोई सर्वे नहीं कराता है।