Sambhal Jama Masjid : सामने आया संभल शाही जामा मस्जिद का सच, कोर्ट में पेश हुई सर्वे रिपोर्ट
Sambhal Shahi Jama Masjid survey report presented in court : संभल जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में पेश की गई। 19 और 24 नवंबर को यह सर्वे हुआ था। मीडिया खबरों के मुताबिक सर्वे में बताया गया कि मस्जिद में फूल की आकृति, तोरण द्वार जैसे चिन्ह मिले हैं। स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की दलील पर गौर करने के बाद एडवोकेट कमिश्नर से मस्जिद के सर्वे के लिए एकपक्षीय आदेश पारित किया था।
सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा : संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को संभल शहर के कोट गर्वी इलाके में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वे किए जाने के बाद से ही तनाव है। कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया है कि जिस जगह मस्जिद बनी है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। बाद में 24 नवंबर को मस्जिद के दूसरे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
47 लोगों की गिरफ्तारी : हिंसा से संबंधित मामलों में अब तक 47 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसा को लेकर अब तक 11 मुकदमे दर्ज हुए हैं। 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने मंगलवार को सात और लोगों को गिरफ्तार किया। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र ने इसकी पुष्टि की। उनके मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों में शोएब, सुजाउद्दीन, राहत, मोहम्मद आजम, अजहरुद्दीन, जावेद और मुस्तफा शामिल हैं। घटना में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें बनाई गई हैं।
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अलग-अलग दावे : हिन्दू पक्ष दावा करता रहा है कि यह मस्जिद पहले हरिहर मंदिर थी और मुगल बादशाह बाबर ने इसे तोड़कर बनवाया था। इस दावे के समर्थन में एएसआई की एक रिपोर्ट और बाबरनामा का ज़िक्र किया जाता है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि बाबर ने इस मस्जिद को बनवाया नहीं था, बल्कि इसका जीर्णोद्धार कराया था। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में बनी थी। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma