संभल में पुलिस ने नहीं तो किसने चलाई गोली, 5 लोगों को किसने मारा?
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई, लेकिन पुलिस का कहना है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई तो ऐसे में सवाल उठता है कि फिर कैसे पांच लोग मारे गए। बता दें कि हिंसा में 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बता दें कि संभल हिंसा में मोहल्ला कोट तवेला निवासी नईम (35), फतेहऊनला सराय निवासी विलाल (22), इनके अलावा संभल के हयातनगर निवासी रोमान (40), तुर्तीपुर इला निवासी कैफ (19) और कोट गर्दी निवासी अयान (19) की भी मौत हुई है।
पुलिस ने नहीं तो फिर किसने चलाई गोली : उत्तर प्रदेश का संभल रविवार को हिंसा की आग में जल उठा। शाही जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर जमकर बवाल हुआ। उपद्रवियों ने गाड़ियों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई, वहीं एसडीएम सहित 30 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। पुलिस ने मस्जिद के आसपास के इलाके को सील कर दिया है। किसी भी बाहरी के एंट्री पर एक दिसंबर तक रोक लगा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती है। उपद्रव के दौरान फायरिंग भी की गई। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई। मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा है कि उपद्रवी झुंड में आए थे। इनके तीन ग्रुप थे, जोकि़ लगातार फायरिंग कर रहे थे। फायरिंग और पथराव के बीच पुलिस ने सर्वे करने आई टीम को सुरक्षित बाहर निकाला।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा भडकी। शाही जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर जमकर बवाल हुआ। उपद्रवियों ने गाड़ियों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई, वहीं एसडीएम सहित 30 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। पुलिस ने मस्जिद के आसपास के इलाके को सील कर दिया है। स्कूल कॉलेज और इंटरनेंट बंद कर दिया गया है। बाहरी लोगों के लिए शहर में एंट्री पर एक दिसंबर तक रोक लगा दी गई है।
अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई। मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा है कि उपद्रवी झुंड में आए थे। इनके तीन ग्रुप थे, जोकि़ लगातार फायरिंग कर रहे थे। फायरिंग और पथराव के बीच पुलिस ने सर्वे करने आई टीम को सुरक्षित बाहर निकाला।
बता दें कि आंजनेय कुमार सिंह की इस टिप्पणी पर सवाल भी उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि पुलिस ने भी गोली चलाई थी। हालांकि, अधिकारी का कहना है कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस ने लाठीचार्ज किया था
क्या है सच्चाई : एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि कई जगह ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने गोली चलाई है, लेकिन यह सच्चाई नहीं है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने ऐसे किसी भी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे किसी की मौत हो जाए। एसपी ने कहा कि संभल थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उपद्रवियों की फायरिंग से कुछ पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। दीपा सराय इलाके में हिंसा ज्यादा हुई। यहां गोलीबारी की घटना की जांच की जा रही है। मंडल आयुक्त ने बताया कि एसडीएम रमेश चंद्र, क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार और एसपी के पीआरओ भी जख्मी हुए हैं। हिंसा में नईम खान नाम के एक युवक की मौत हुई है। उसकी उम्र 32 साल है। परिवार का आरोप है कि सीईओ की मौजूदगी में पुलिस की ओर से गोली चलाई जा रही थी। फायरिंग में गोली लगने से नईम की मौत हो गई। नईम प्रदर्शन में शामिल नहीं था। वह दुकान से रिफाइंड ऑयल लेने जा रहा था।
Edited By: Navin Rangiyal