बुलंदशहर: दलित छात्रा की सड़क से खींचकर हत्या, गांव की बच्चियां पुलिस से ले रही हैं मोर्चा, हत्यारे की गिरफ्तारी तक नहीं होगा अंतिम संस्कार
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपराधियों को प्रदेश छोड़कर भागने की खुली चुनौती दी थी, प्रदेश सरकार का दावा है कि अपराध कम हुए है, लेकिन हाल-फिलहाल में हुई। गोरखपुर की घटना हो या बुलंदशहर की घटना ने यह साबित कर दिया है कि अपराध को अंजाम देने वालों के दिलों में खाकी का खौफ नही है।
ताजा मामला बुलंदशहर जिले के खुर्जा देहात कोतवाली क्षेत्र का है। जहां एक दलित छात्रा की गला घोंट कर हत्या कर दी गई है। खुर्जा थाना कोतवाली क्षेत्र के किर्रा मे गुरुवार को गांव में 10वीं की एक छात्रा अंजली घर से ट्यूशन के लिए निकली थी।
आरोप है कि एक युवक ने छात्रा को गांव के बाहर खींच कर गला दबाते हुए हत्या कर दी और शव झाड़ी में फेंक दिया। कहा जा रहा है कि गांव का एक शख्स जंगल की तरफ जा रहा था और उसने इस वारदात को देखा और शोर मचा दिया, शोर सुनकर हत्या आरोपी फरार हो गया।
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया और पुलिस ने आनन-फानन में जंगल और खेतों में कांबिंग शुरू कर दी। पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक हत्यारे ने लाल रंग के कपड़े पहने हुए थे, उसी आधार पर सर्च के दौरान एक संदिग्ध को खेतों से हिरासत में ले लिया। पूछताछ में संदिग्ध से पुलिस को कोई जानकारी नही मिल पाई है।
मृतक अंजली अपने दो छोटे भाईयों की अकेली बहन थी। पिता रमेश चंद्र टैंपो चलाते हैं। स्कूल में छुट्टी चल रही थी। रोजाना की तरह अजंली दोपहर ट्यूशन के लिए घर से निकली थी। बहन की मौत की खबर सुनकर दोनों भाइयों और मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
मृतक छात्रा के परिजनों और ग्रामीणों में हत्या आरोपी के पकड़े जाने पर गुस्सा है। जिसके चलते उन्होंने छात्रा का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है। वहीं छात्रा के परिजनों ने 4 सूत्रीय मांग पत्र पर सहमति न बनने तक अंतिम संस्कार न करने से मना कर दिया है।
छात्रा की दिन-दहाड़े हुई हत्या की गूंज राजनीतिक गलियारों तक सुनाई दे रही है, जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है।
मृतका के परिजनों का अंतिम संस्कार से इंकार के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूले हुए है। ग्रामीणों में भी रोष है, पुलिस मृतका का अंतिम संस्कार जबरन करवाने की हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके चलते गांव की बच्चियों ने पुलिस से मोर्चा लिया है कि आरोपी की गिरफ्तारी जब तक नही होगी वह अंजली का अंतिम संस्कार नही होने देंगी।
दिन-दहाड़े हुई इस वारदात ने उत्तर प्रदेश में महिला शक्तिकरण के दावे की पोल खोल दी है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में यकायक अपराध बढ़ गया है, जिसको विरोधी दल इसे चुनाव में कैश करवाने की पूरी कवायद करेंगे।