अयोध्या में रामनवमी पर रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक का अद्भुत नजारा
सूर्य तिलक की तैयारी में लगे वैज्ञानिक
Ayodhya Ramlala : श्रीराम नगरी अयोध्याधाम का सबसे बड़ा महापर्व है 'रामनवमी महोत्सव'। इस महापर्व पर अयोध्या नगरी में प्रतिवर्ष 10 लाख से अधिक श्रद्धालु व रामभक्त अयोध्या आते रहे हैं और इस वर्ष तो यह सबसे खास है।
जहां एक तरफ 500 वर्षों के लंबे इंतजार व संघर्ष के बाद रामलला टेंट से निकलकर अपने भव्य-दिव्य राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा के साथ इसी वर्ष 22 जनवरी को विराजमान हो चुके हैं। जिनकी एक झलक पाने के लिए देश-दुनिया से प्रतिदिन लाखों रामभक्त अयोध्या आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस वर्ष की रामनवमी का नजारा अदभुत होगा।
रामलला के गर्भगृह में विराजमान होने के उपरांत इस रामनवमी पर 4 मिनट तक होगा रामलला का सूर्य तिलक, जो दुनिया के सभी रामभक्तों के लिए सबसे बड़ा अद्भुत व रहस्यमयी क्षण होगा। इसे अधिक से अधिक रामभक्त अपनी आंखों से देखने के लिए व्याकुल होंगे। इस अद्भुत आयोजन की तैयारी में देशभर के कई वैज्ञानिक रात-दिन जुटे हुए हैं जिसका सफल परिणाम रामनवमी को देखने को मिलेगा।
इसकी जानकारी निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्रा ने देते बताया कि रामनवमी के दिन लगभग दिन के 12 बजे सूर्य किरण रामलला के गर्भगृह में प्रवेश कर रामलला के माथे पर पड़े, इसका पूरी तरह से कार्य चल रहा है। वैज्ञानिक जुटे हैं अपने कार्यों में। उन्होंने कहा कि इस भव्य-दिव्य अद्भुत नजारे को रामभक्त सुलभता से देख सकें, इसके लिए अयोध्या नगरी में 100 एलईडी लगाई जाएंगी।
इस अद्भुत क्षण के लिए राम मंदिर में लगाए जा रहे हैं ये उपकरण
*ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम के लिए उपकरण लगाए जा रहे
*75 मिमी का होगा गोलाकार सूर्य अभिषेक
*दोपहर 12 बजे सूर्य किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी
*4 मिनट तक किरणें रामलला के मुख मंडल को प्रकाशित करेंगी
*रूड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिक लगाए गए
*मंदिर के भूतल पर 2 मिरर व 1 लैंस लगाए जा चुके हैं
*सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे दर्पण पर गिरेगी
*3 लैंस व 2 दर्पणों से होते हुए किरण भूतल पर आखिरी दर्पण पर पड़ेगी
*इससे परावर्तित होने वाली किरणों से मस्तक पर तिलक बनेगा