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Last Modified: सोमवार, 1 फ़रवरी 2021 (18:39 IST)

कैसा है बजट? किसी को मैकेनिक याद आया, किसी को धोखाधड़ी नजर आई

कैसा है बजट? किसी को मैकेनिक याद आया, किसी को धोखाधड़ी नजर आई - Union Budget 2020 Reactions, Opinions and Comments
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर सरकार एवं उसकी मंत्री अपनी पीठ ठोंक रहे हैं, वहीं विपक्ष को इसमें मध्यम वर्ग से धोखाधड़ी से लेकर किसानों की उपेक्षा तक नजर आ रही है। वहीं, कांग्रेस के  दिग्गज नेता शशि थरूर ने अपने चुटीले अंदाज में इस बजट की तुलना एक 'मैकेनिक' से कर दी।
 
कांग्रेस नेता शशि थरूर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्‍वीट किया। उन्होंने लिखा- भाजपा सरकार मुझे उस गैरेज मैकेनिक की  याद दिलाती है, जो अपने ग्राहक से कहता है कि मैं तुम्हारे ब्रेक ठीक नहीं कर सकता, इसलिए मैंने तुम्हारा हॉर्न तेज कर दिया  है। थरूर के इस ट्‍वीट को काफी संख्या में लोगों ने लाइक किया और रिट्‍वीट भी किए। 
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा-  मध्यम वर्ग को आयकर सीमा में किसी प्रकार की छूट न देकर उनके साथ धोखा  किया गया है, वहीं किसानों, बेरोजगारों, युवाओं और एमएसएमई के लिए बजट में कुछ नया न होने से इस बजट से  यथास्थितिवाद ही रहेगा। 
 
उन्होंने कृषि क्षेत्र में कर्ज की सीमा 15 लाख करोड़ से 16.25 लाख करोड़ को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि राज्यों की सहकारी  बैंकों को नाबार्ड से यह राशि भी पिछले वर्षों में समय पर नहीं मिलने के कारण किसानों को परेशानी हुई है। बजट में किसानों के  कर्ज, एमएसपी की गारंटी पर कुछ नहीं कहा गया है। पायलट ने एमएसपी की खरीद के सरकारी आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए  कहा कि यूपीए सरकार की नीतियों के कारण किसान को एपीएमसी में एमएसपी से अधिक या बराबर मूल्य मिलता था क्योंकि  व्यापार और उद्योग-धंधे फल-फूल रहे थे, जबकि भाजपा शासन में व्यापार व उद्योग की हालत खराब है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट की खामियां गिनाते हुए पूछा कि इसमें प्रदर्शनकारी किसानों के लिए क्या  किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा कहती है कि वह किसानों की आय दोगुनी करेगी, लेकिन क्या इस बजट से कृषकों  की आमदनी क्या दोगुनी होगी? यादव ने कहा कि जो युवा पढ़ाई करना चाहते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपना करियर बनाने की  ख्वाहिश रखते हैं, उनके लिए इस बजट में क्या किया गया है। क्या उनके लिए रोजगार की कोई व्यवस्था की गई है। 
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश के करोड़ों  गरीब लोग, किसान और मजदूर वर्ग केंद्र सरकार के लुभावने वादों और खोखले दावों से थक चुके हैं। ये लोग बहुत परेशान हैं।  बेहतर यह होगा कि सरकार अपने वादों को जमीनी स्तर पर उतारे।
 
आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने लद्दाख में केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने  के प्रस्ताव को लेकर कहा कि इसे बनाते-बनाते जिंदगी गुजर जाएगी। कहने को तो इसमें बहुत कुछ है, लेकिन इसमें से कितना  निकलेगा, ये बाद में पता चलेगा।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली  के साथ धोखा किया है। आम बजट में दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपए दिए गए हैं। दिल्ली को पिछले 17 सालों से केंद्र सरकार  325 करोड़ रुपए देती आई है। एक रुपए भी नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि कोरोना काल में रकम बढ़ाकर  दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह दिल्लीवासियों के साथ धोखा है।
आएगा सकारात्मक बदलाव : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट नागरिकों के  जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों के हित  में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। 75 वर्ष आयु से अधिक के ऐसे नागरिक, जिन्‍हें पेंशन और ब्‍याज सहित आय प्राप्‍त होती है,  उन्‍हें आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि मोदी के कुशल नेतृत्व में देश में सड़कों का नया जाल  बिछाया जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिए रुपए 1.18 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं।
 
इलेक्ट्रिक व्हिकल मैन्युफैक्चरर्स सोसायटी के डायरेक्टर जनरल सोहिन्दर गिल ने पुराने वाहनों के लाई गई स्क्रेप नीति का स्वागत  किया है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण हितैषी वाहनों का चलन बढ़ेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि हम इस नीति पर अधिक  विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन उम्मीद है कि इसे इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर जोर रहेगा। उन्होंने कहा कि देश के 42  शहरों में स्वच्छ वायु के लिए 2217 करोड़ का प्रस्ताव भी अच्छा कदम है। 
 
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने भी सरकार की स्क्रेपेज नीति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और असम में प्रस्तावित 6,575 किलोमीटर का राजमार्ग निर्माण भी अच्छा कदम है। 
 
एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरुआ ने कहा कि कई अर्थों में केन्द्र सरकार का यह बजट साहसिक है। उन्होंने कोविड के मद्देनजर स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट बढ़ाने के फैसले का भी बरुआ ने स्वागत किया है। 
 
जे सागर एसोसिएट्‍स के पार्टनर राज रामचंद्रन ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इंश्योरेंस क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का फैसला एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि इससे इंश्योरेंस सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
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