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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 25 अगस्त 2025 (18:24 IST)

Hariyali Teej 2025: हरतालिका तीज की तिथि, पूजा सामग्री, पूजन विधि, कथा और शुभ मुहूर्त सभी एकसाथ

Hartalika Teej Vrat 2025
Hartalika teej vrat 2025 : भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत 26 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को रखा जा रहा है। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर जागरण करती हैं। इस व्रत की पूजा सामग्री, पूजन‍ विधि, तृतीया तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त सभी कुछ एक साथ यहां पर पढ़ें।  
 
हरतालिका तीज तिथि:
तृतीया तिथि का प्रारंभ- 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12:34 बजे।
तृतीया तिथि समाप्त- 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे।
 
हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 के शुभ मुहूर्त:
पहली पूजा: प्रातः: 04:27 से 08:31 के बीच या 11 से 12 के बीच।
दूसरी पूजा: शाम 06:49 से 07:56 के बीच।
तीसरी पूजा: रात 12:01 से 12:45 के बीच।
चौथी पूजा: रात 02:30 से 03:30 बजे के बीच।
पांचवीं पूजा: अगले दिन प्रात: 04:28 से 05:12 के बीच।
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त
शाम 06:49 से 07:11 बजे तक का रहेगा।
नोट: स्थानीय समयानुसार पूजा के समय में 2 से 5 मिनट का अंतर रहता है।
 
हरतालिका तीज पूजा सामग्री: 
• प्रतिमा के लिए: गीली काली मिट्टी या बालू रेत
• पूजन के लिए: बेलपत्र, शमी पत्र, केले के पत्ते, धतूरे का फल और फूल, आक का फूल, तुलसी, दूर्वा, भांग।
• श्रृंगार सामग्री: मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, महावर और अन्य सुहाग सामग्री।
• भोग और प्रसाद: फल, मिठाई, भीगे हुए चने, सत्तू।
• अन्य सामग्री: कलश, अबीर, चंदन, घी, तेल, दीपक, कपूर, कुमकुम, रुई की बत्ती, माचिस, कलावा, जनेऊ, चावल, लौंग, इलायची, सुपारी, पान के पत्ते।
 
हरतालिका तीज की संपूर्ण कथा पढ़ने के लिए आगे क्लिक करें:- ALSO READ: हरतालिका तीज व्रत की संपूर्ण कथा | Hartalika Teej Vrat Katha
 
हरतालिका तीज पूजा विधि और पारण
1. व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए या साफ कपड़े पहनें।
2. निर्जला यानी बिना पानी और भोजन के व्रत का संकल्प लें।
3. शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वती और गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा बनाएं।
4. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर प्रतिमाओं को स्थापित करें।
5. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, उसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।
6. माता पार्वती को सुहाग की सभी सामग्री अर्पित करें। भगवान शिव को वस्त्र और जनेऊ चढ़ाएं।
7. अब, हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
8. अंत में, गणेश जी, भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। यह पूजा रात भर चलती है, जिसमें जागरण और भजन-कीर्तन किए जाते हैं।
9 यह व्रत 24 घंटे का होता है, इसलिए व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद ही किया जाता है।
10. व्रत पारण की तिथि: 27 अगस्त 2025
11. अगले दिन सुबह स्नान कर शिव-पार्वती की अंतिम पूजा करें। फिर भोग लगाए गए प्रसाद में से कुछ अंश ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
12. ध्यान रहे कि पारण करने से पहले सुहाग की सामग्री, वस्त्र और प्रसाद किसी ब्राह्मण या सुहागन महिला को दान करें।