बागेश्वर धाम का वो मंदिर जहां बल्ब लगाते ही हो जाता है फ्यूज, होता है श्रद्धा से उजाला, जानिए क्या है चमत्कार
Bagraj Maharaj mandir Bageshwar Dham: भारत की धरती चमत्कारों और आस्था से भरी पड़ी है, और इन्हीं में से एक है मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम। यह धाम इन दिनों अपनी अलौकिक शक्तियों और बालाजी हनुमान के आशीर्वाद के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। लाखों भक्त यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और उन्हें पूर्ण होते देख विस्मित रह जाते हैं। लेकिन, बागेश्वर धाम में एक ऐसा रहस्य भी छिपा है, जो विज्ञान को भी चुनौती देता है और आस्था को एक नई परिभाषा देता है – यहां एक ऐसा मंदिर है जहां बल्ब लगाते ही फ्यूज हो जाता है, और रोशनी सिर्फ़ श्रद्धा के दीपक से होती है।
बागराज महाराज का रहस्यमयी मंदिर
बागेश्वर धाम में बालाजी हनुमान के दर्शन के लिए जाते हुए परिक्रमा मार्ग में यह मंदिर आता है। इस मंदिर को बागेश्वर धाम की नींव माना जाता है। भगवान महादेव को समर्पित इस मंदिर का नाम बागराज महाराज मंदिर है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार 1986 में किया गया। लोगों का कहना है कि 300 साल पहले इस मंदिर की नींव रखी गई थी, तब ये जंगलों से घिरा था। यहां अकसर बाघ आ जाया करते थे। यही कारण था कि यहां विराजने वाले महादेव को बागराज महाराज का नाम दिया गया। मान्यता है कि यह एक सिद्ध स्थान है जिसे संन्यासी बाबा नाम के एक महान संत ने अपनी कठोर तपस्या से सिद्ध किया था। कहते हैं कि संन्यासी बाबा इसी शिवलिंग की रोज पूजा करते थे और अपनी साधना से उन्होंने अनेक सिद्धियों को प्राप्त किया था। वे यहीं से आम लोगों का कल्याण करते थे और उनकी समस्याओं का निवारण करते थे।
बल्ब फ्यूज होने का चमत्कार
इस मंदिर से जुड़ा सबसे बड़ा और चौंकाने वाला चमत्कार यह है कि यहां के लोगों का कहना है कि जब भी यहां बल्ब जलाने की कोशिश की जाती है, तो वह फ्यूज हो जाता है। बिजली की रोशनी यहां टिक नहीं पाती। यह बात सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा, लेकिन यह वर्षों से चला आ रहा एक रहस्य है। आज भी इस मंदिर में एक छोटे से दिये से ही रोशनी होती है। चाहे कितनी भी कोशिश कर ली जाए, आधुनिक बिजली के उपकरण यहां काम नहीं करते। यह घटना भक्तों और विज्ञान के जानकारों, दोनों के लिए एक पहेली बनी हुई है। यह चमत्कार इस बात का प्रतीक है कि कुछ स्थानों पर भौतिक ऊर्जा से कहीं अधिक आध्यात्मिक ऊर्जा का वास होता है। मान्यता है कि बागराज महाराज के इस मंदिर में, रोशनी किसी बल्ब की मोहताज नहीं, बल्कि भक्तों की श्रद्धा और संन्यासी बाबा की तपस्या से उत्पन्न दिव्य ऊर्जा से होती है।
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कैसे पहुंचें बागेश्वर धाम?
यदि आप इस अलौकिक स्थान के दर्शन करना चाहते हैं और इस चमत्कार को स्वयं अनुभव करना चाहते हैं, तो बागेश्वर धाम पहुंचना बहुत मुश्किल नहीं है।
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रेल मार्ग: बागेश्वर धाम के सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन छतरपुर और खजुराहो हैं। छतरपुर से धाम लगभग 33 किलोमीटर दूर है, जबकि खजुराहो से लगभग 55 किलोमीटर। इन स्टेशनों से टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है।
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सड़क मार्ग: बागेश्वर धाम सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। छतरपुर, खजुराहो, पन्ना, टीकमगढ़ जैसे शहरों से सीधी बसें और टैक्सियां उपलब्ध हैं।
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वायु मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा खजुराहो है, जो बागेश्वर धाम से लगभग 55 किलोमीटर दूर है। खजुराहो से टैक्सी या बस द्वारा धाम पहुंचा जा सकता है।
बागेश्वर धाम का यह रहस्यमयी मंदिर हमें यह याद दिलाता है कि दुनिया में ऐसी कई चीज़ें हैं जो हमारी तार्किक समझ से परे हैं। यहां बल्ब नहीं जलते, लेकिन श्रद्धा का प्रकाश कभी कम नहीं होता, जो इस सिद्ध स्थान की दिव्यता और अलौकिक शक्ति का प्रमाण है।
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