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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 26 जुलाई 2025 (18:23 IST)

जीवन में ये घटनाएं देती हैं काल सर्पदोष के संकेत, जानिए कारण और अचूक उपाय

kaal sarp dosh ka upay
kaal sarp dosh ke karan aur upay: भारतीय ज्योतिष शास्त्र में 'काल सर्प दोष' एक ऐसा योग है जिसे अक्सर जीवन में संघर्ष, बाधाओं और अप्रत्याशित चुनौतियों से जोड़ा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसके बारे में सुनकर कई लोग चिंतित हो जाते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इसका प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आर्थिक जीवन पर पड़ सकता है। लेकिन, आखिर यह काल सर्प दोष क्या है, और इसके संकेत क्या होते हैं जो हमें अपने जीवन में दिखाई दे सकते हैं? आइए, इस रहस्यमय योग के कारणों, लक्षणों और इसके अचूक उपायों को विस्तार से समझते हैं।

क्या है काल सर्प दोष?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं, तब 'काल सर्प दोष' नामक योग का निर्माण होता है। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, और जब कुंडली के सभी सात प्रमुख ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि) इन दोनों ग्रहों के एक तरफ आ जाते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि वे सर्प द्वारा बंधे हुए हैं। इस स्थिति में, व्यक्ति को जीवन के विभिन्न पहलुओं में बाधाओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। काल सर्प दोष के 12 प्रकार होते हैं, और प्रत्येक का प्रभाव कुंडली में राहु-केतु की स्थिति के अनुसार भिन्न होता है।

जीवन में काल सर्प दोष के संकेत
काल सर्प दोष के प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई तरह से दिखाई दे सकते हैं। ये संकेत अक्सर अप्रत्याशित होते हैं और व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान कर सकते हैं:
1. सपने में मृत लोग दिखाई देना: काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर अपने मृत पूर्वज या रिश्तेदार सपने में दिखाई देते हैं। ये सपने परेशान करने वाले हो सकते हैं, और कभी-कभी ऐसा भी लगता है कि मृत व्यक्ति उनसे कुछ मांग रहा है।
2. सपने में बार-बार लड़ाई-झगड़ा दिखाई देना: यदि आपको बार-बार सपने में लड़ाई-झगड़े, विवाद या हिंसक घटनाएं दिखाई देती हैं, तो यह भी काल सर्प दोष का एक संकेत हो सकता है। यह दर्शाता है कि आपके अवचेतन मन में कोई अशांति है।
3. सपने में कोई आपका गला दबाता दिखे: यह एक बेहद डरावना सपना होता है जहां व्यक्ति को लगता है कि कोई उसका गला दबा रहा है या उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। यह काल सर्प दोष के गंभीर लक्षणों में से एक माना जाता है, जो मानसिक तनाव और भय को दर्शाता है।
4. नींद में शरीर पर सांप को रेंगते देखना या सांप को खुद को डसते देखना: सांपों से जुड़े सपने काल सर्प दोष के सबसे प्रमुख संकेतों में से एक हैं। यदि आपको बार-बार सपने में सांप दिखाई देते हैं, खासकर यदि वे आपके शरीर पर रेंग रहे हों या आपको डस रहे हों, तो यह इस दोष की उपस्थिति का संकेत हो सकता है।
5. अक्सर जीवनसाथी से वाद-विवाद होना: काल सर्प दोष वैवाहिक जीवन में भी अशांति ला सकता है। यदि आपके और आपके जीवनसाथी के बीच बिना किसी बड़े कारण के लगातार वाद-विवाद या तनाव बना रहता है, तो यह एक संकेत हो सकता है।
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6. रात में बार-बार नींद खुलना: अच्छी नींद न आना या रात में बार-बार नींद का टूटना भी काल सर्प दोष का एक लक्षण माना जाता है। व्यक्ति को बेचैनी महसूस हो सकती है और वह गहरी नींद नहीं ले पाता।
7. मानसिक और शारीरिक परेशानी: काल सर्प दोष के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान रहता है। उसे लगातार सिर दर्द, त्वचा रोग, पेट संबंधी समस्याएं, या अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। मन में बेचैनी, अकेलापन और अकारण भय बना रह सकता है।
8. कार्यक्षेत्र में बाधाएं: नौकरी या व्यवसाय में बार-बार बाधाएं आना, मेहनत का पूरा फल न मिलना, कर्ज का बढ़ना, या बार-बार नौकरी छूटना भी इस दोष के लक्षण हो सकते हैं।

काल सर्प दोष के अचूक उपाय
यदि आपको अपने जीवन में ऐसे संकेत दिखाई देते हैं, तो किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना और उचित उपाय करना महत्वपूर्ण है। कुछ प्रमुख और अचूक उपाय इस प्रकार हैं:
1. काल सर्प दोष निवारण पूजा: नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर या उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में काल सर्प दोष निवारण पूजा करवाना सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है। नाग पंचमी के दिन यह पूजा कराना विशेष फलदायी होता है।
2. शिवलिंग पर अभिषेक: प्रतिदिन शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए रुद्राभिषेक करना भी अत्यंत लाभकारी होता है।
3. नाग देवता की पूजा: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें, उन्हें दूध अर्पित करें और चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को बहती नदी में विसर्जित करें।
4. मंत्र जाप: 'ॐ नमः शिवाय', 'ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात' (नाग गायत्री मंत्र), या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्रों का नियमित जाप करें।
5. हनुमान चालीसा का पाठ: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
6. कुलदेवता की आराधना: अपने कुलदेवता या कुलदेवी की नियमित पूजा-अर्चना करें।
7. चांदी के नाग-नागिन: चांदी के दो सर्प बनवाकर उनकी पूजा करें और शिवलिंग पर अर्पित करें।

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