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  4. nag panchami par nag ko dudh pilana chahiye ya nahi
Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 (15:06 IST)

नागपंचमी पर क्या सच में नागों को दूध पिलाने से मिलता है पुण्य?

Nagpanchami 2025
नागपंचमी पर पर कई सपेरे नाग को पकड़कर अपनी पिटारी में बंद कर लेते हैं और फिर में शहर एवं गांव में नागपंचमी के दिन उन्हीं नागों को दिखाकर नाग की पूजा करवाकर पैसे कमाते हैं। लोग भी जिंदा नाग की पूजा करके उन्हें दूध पिलाते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन क्या ऐसा करना उचित है। नागपंचमी पर क्या सच में नागों को दूध पिलाने से होगा आपका फायदा या मिलेगा पुण्य?ALSO READ: नागपंचमी का त्योहार कब मनाया जाएगा, पूजा का शुभ मुहूर्त जानिए
 
भूमि नहीं क्यों नहीं खोदते हैं? शास्त्रों के अनुसार नागपंचमी पर किसी भी नाग को किसी भी तरह से सताए जाने की मनाही है। इस दिन भूमि की खुदाई भी नहीं करते हैं। इस दिन हल चलाना या जुताई कराना भी मना है। ऐसा इसलिए कि हो सकता है कि ऐसा करने से किसी सांप या उसके बच्चे को नुकसान पहुंचे। क्योंकि बारिश के मौसम में ही सांप अपने अंडे छुपाकर रखते हैं। किसान लोग अपनी नई फसल का तब तक उपयोग नहीं करते जब तक वह नए अनाज से नाग की बाबी को रोट न चढ़ाएं।
 
1. नाग पंचमी पर जीवित नाग की पूजा नहीं करना चाहिए बल्कि मूर्ति की पूजा करें। इसके लिए मंदिर में पूजा करें। कहीं मंदिर नहीं हो तो घर में ही नागमूर्ति बनाकर या चांदी के नाग के जोड़े लाकर उनकी पूजा करें।
 
2. विशेषज्ञों ने सर्प को दूध पिलाना गलत बताया गया है। उनके अनुसार सर्प के लिए दूध हानिकारक होता। सांप या नाग के लिए दूध जहर समान होता है जिसके चलते उनकी मृत्यु हो जाती है।
 
3. कहते हैं कि सांपों को दूध पिलाने के कारण कई सांप अंधे भी हो जाते हैं। ऐसे में सांपों को दूध पिलने के पर्व के बाद ये सपेरे सांपों को जंगल में छोड़ देते हैं जहां कुछ दिनों के बाद उनकी मृत्यु हो जाती है। 
 
4. बड़ी ही बेरहमी व अमानवीय तरीके से सांपों के दांतों व इसके विष को निकालने से इसका असर सर्प के फेफड़ों पर होने से कुछ दिन बाद इनकी मृत्यु हो जाती है और दांत निकालते समय 80 प्रतिशत सर्प मर जाते हैं। 
 
5. सर्प पारिस्थितिकी तंत्र का एक हिस्सा है। यह खेतों के चूहे और किड़े मकौड़े को खाकर खेती को बचाने का कार्य करता है। यह चूहों की आबादी को रोकने के लिए जरूरी है। सांप ही चूहों की 80 प्रतिशत आबादी को नियंत्रित करते हैं और ये हमारे खाद्यान्न को बचाते हैं।
  
6. यदि हम विज्ञान या वैज्ञानिकों की मानें तो सांप को दूध पिलाना उनकी सेहत के प्रतिकूल माना जाता है, क्योंकि सांपों में ऐसी ग्रंथियां ही नहीं होती कि वे दूध पी सकें। चूंकि उनका भोजन कीड़े-मकोड़े हैं, लेकिन दूध नहीं। सांपों का प्राकृतिक आहार दूध नहीं है। सांपों का प्राकृतिक भोजन चूहे, मेंढक और अन्य छोटे जीव हैं। दूध उनके पाचन तंत्र के लिए उपयुक्त नहीं है और उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
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