प्रियंका गांधी के तारे सितारे क्या कहते हैं, क्या बन सकती हैं विपक्ष का चेहरा?
इंटरनेट से प्राप्ति कुंडली के अनुसार प्रियंका वाड्रा का जन्म 12 जनवरी 1972 को समय शाम को 05 बजकर 05 मिनट पर दिल्ली में हुआ था। इस मान से उनकी चंद्र राशि वृश्चिक और सूर्य राशि धनु है। प्रियंका गांधी का जन्म मिथुन लग्न में हुआ है। उनकी जन्म कुंडली में बृहस्पति स्वराशि होने के साथ ही केंद्र स्थिति में होना शुभ एक विशेष योग बनाता है, जो पंच महापुरुष राज योगों में से एक है।
बृहस्पति की मजबूत स्थिति उनके करिश्माई व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है। शनि का गोचर उनके लिए कड़ी मेहनत, संघर्ष, और राजनीतिक चुनौतियों को जन्म देगा। भविष्य में प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने में कामयाब रहेगी। राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान और मजबूत करेंगी। विपक्षी दलों के साथ गठबंधन में प्रियंका गांधी की अहम भूमिका रहने की संभावना है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, उनकी कुंडली प्रधानमंत्री पद के लिए संभावनाओं का संकेत भी देती है। हालांकि, उन्हें पार्टी संगठन, गठबंधन और विवादों से निपटने के लिए सतर्क बुद्धि का परिचय देते हुए कांग्रेस को एकजुट रखना होगा।
इसके साथ ही बृहस्पति लग्न के स्वामी बुध और तृतीय भाव के स्वामी सूर्य के साथ भी हैं। यह ग्रह स्थिति इशारा करती है कि प्रियंका एक सहज, प्रभावशाली नेता और व्यक्तिगत तौर पर गतिशील हैं, जो अच्छी स्ट्रेटेजी बना सकती हैं। उन्हें भाषण देते वक्त सावधानी रखना जरूरी है। हालांकि उनमें योजनाओं को बेहतर तरीके से तैयार करने संबंधी विचार करने के साथ ही उन्हें लागू करने की क्षमता भी है।
हालांकि सप्तम भाव में धनु का सूर्य बृहस्पति और बुध को शक्ति प्रदान कर रहा है। उनके पास बड़ी चीजों को हासिल करने मौका है, लेकिन यही सूर्य वैवाहिक जीवन में कठिनाइयों को जन्म दे रहा है जिसके कारण राजनीतिक प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है।
भाग्य स्थान को शुक्र का पूरा साथ मिला हुआ है, जो अपने मित्र की राशि में भी है। शनि भी सातवीं दृष्टि से पंचम स्थान को देख रहा है। ग्रहों का यह मेल एक करिश्माई व्यक्तित्व को भी इंगित तो करता है, लेकिन चापलूसों की फौज के कारण उन्हें उचित दिशा नहीं मिल पाएगी। इसी का फायदा उठाकर उनके विरोधी उन्हें विवादों में घसीटने की पूरी कोशिश करेंगे। ग्रहों की स्थिति कुछ ऐसी बन रही है कि आने वाले समय में वर्चस्व को लेकर दोनों भाई-बहन में दूरियां बढ़ सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो द्वादश का शनि उन्हें विदेश में शिफ्ट होने के लिए मजबूर कर सकता है।
वर्ष 2024 से उनकी सूर्य की महादशा चल रही है। वर्तमान में यानी 2025 में इसी दशा के अंतर्गत राहु की दशा चल रही है। अप्रैल 2026 से उनके फिर से अच्छे दिन शुरू होंगे जो 1 जनवरी 2027 तक रहेंगे। इस दौरान उन्हें अपनी पोजिशन को स्ट्रांग करना होगा। इसके बाद सूर्य में शनि की अंतर्दशा के चलते क्या होगा यह उनके कर्मों से तय होगा। उनकी कुंडली में राजयोग है लेकिन इतने प्रबल नहीं कि वे प्रधानमंत्री बन सके, क्योंकि उनकी राह में बहुत रोड़े हैं।
ज्योतिष भविष्यवाणियां हमेशा संभावनाओं और ग्रहों के संकेतों पर आधारित होती हैं। इन्हें एक मार्गदर्शन के रूप में लिया जाना चाहिए, न कि निश्चित सत्य के रूप में। राजनीतिज्ञों की सफलता में उनकी मेहनत, नीतियां और जनता का समर्थन सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं।