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Written By WD Feature Desk

मां हिंगलाज पूजा, कैसे जाएं माता के इस दरबार में?

मां हिंगलाज पूजा, कैसे जाएं माता के इस दरबार में? - Maa Hinglaj Pooja,  how to go to court of the Mother?
Hinglaj Temple: माता हिंगलाज का दरबार एक पवित्र स्थान है और यहां जाने से भक्तों को शांति और आशीर्वाद मिलता है। माता हिंगलाज का मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मंदिर को नानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।ALSO READ: Hinglaj Mata Jayanti 2025: माता हिंगलाज प्रकटोत्सव पर जानें 10 खास बातें
 
माता हिंगलाज के दरबार में जाने के लिए:
• यात्रा की योजना: 
- माता हिंगलाज मंदिर पाकिस्तान में स्थित है, इसलिए भारत से यात्रा करने के लिए वीजा और पासपोर्ट की आवश्यकता होती है।
- आप पाकिस्तान में किसी ट्रैवल एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं जो हिंगलाज यात्रा का आयोजन करती है।
- यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है।
 
• यात्रा मार्ग: 
- हिंगलाज मंदिर कराची से लगभग 250 किलोमीटर दूर है।
- आप कराची से बस या टैक्सी द्वारा लसबेला पहुंच सकते हैं और फिर लयारी।
- कराची से छह-सात मील चलकर "हाव" नदी पड़ती है। यहीं से हिंगलाज की यात्रा शुरू होती है।
- आगे की यात्रा में हिंगोल नदी के किनारे से यात्री माता हिंगलाज देवी का गुणगान करते हुए चलते हैं।
- इससे आगे आसापुरा नामक स्थान आता है। यहां यात्री विश्राम करते हैं।
- यहां यात्रा के वस्त्र उतार कर स्नान करके साफ कपड़े पहन कर पुराने कपड़े गरीबों तथा जरूरतमंदों के हवाले कर देते हैं।
- इससे थोड़ा आगे काली माता का मंदिर है। इस मंदिर में आराधना करने के बाद यात्री हिंगलाज देवी के लिए रवाना होते हैं।
- यात्री चढ़ाई करके पहाड़ पर जाते हैं जहां मीठे पानी के तीन कुएं हैं। इन कुंओं का पवित्र जल मन को शुद्ध करके पापों से मुक्ति दिलाता है।
- बस इसके आगे पास ही माता का मंदिर है।
 
• मंदिर में दर्शन: 
- माता हिंगलाज मंदिर एक गुफा में स्थित है।
- ऊंची पहाड़ी पर बनी एक गुफा में माता का विग्रह रूप विराजमान है। 
- मंदिर में माता हिंगलाज की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि एक पत्थर की पूजा की जाती है।
- पहाड़ की गुफा में माता हिंगलाज देवी का मंदिर है जिसका कोई दरवाजा नहीं। 
- भक्त माता हिंगलाज को नारियल, फूल और प्रसाद चढ़ाते हैं।
- मंदिर में आरती और भजन भी किए जाते हैं।
 
माता हिंगलाज के दरबार में जाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:
• यात्रा से पहले, वीजा और पासपोर्ट की व्यवस्था करें।
• पाकिस्तान में किसी विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसी से संपर्क करें।
• यात्रा के लिए पर्याप्त समय निकालें।
• यात्रा के दौरान सुरक्षित रहने के लिए सावधान रहें।
• स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करें।

माता हिंगलाज की पूजा विधि:
• माता हिंगलाज की पूजा करने के लिए, भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं।
• माता हिंगलाज की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित किया जाता है।
• माता हिंगलाज को फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
• माता हिंगलाज के मंत्रों का जाप किया जाता है और उनकी आरती की जाती है।
• भक्त माता हिंगलाज की कथा का पाठ करते हैं या सुनते हैं।
• कुछ भक्त इस दिन उपवास भी रखते हैं।
 
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