गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Violence erupts again in Manipur
Last Updated : शनिवार, 8 जून 2024 (12:11 IST)

Manipur: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, 200 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में भेजा

जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत

Manipur: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, 200 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में भेजा - Violence erupts again in Manipur
manipur violence: मणिपुर (manipur) के जिरीबाम जिले में कथित तौर पर उग्रवादियों द्वारा एक व्यक्ति की हत्या को लेकर भड़की हिंसा के बाद मेइती समुदाय (Meitei community) के 200 से अधिक लोगों को नए राहत शिविरों में भेजा गया है। अधिकारियों ने इंफाल में शनिवार को यह जानकारी दी।
 
बेगरा में कई घरों को जलाया : संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के बाहरी गांवों लामताई खुनौ, दिबोंग खुनौ, नूनखाल और बेगरा में कई घरों को जला दिया था। इन गांवों के लोग जिरी खेल परिसर में बनाए गए राहत शिविर में रह रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि नए शिविरों में भेजे गए अधिकतर लोग जिरीबाम शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित गांवों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में और अधिक सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया है।
 
मणिपुर पुलिस ने राज्य पुलिस कमांडो को तत्काल जिरीबाम जाने का आदेश दिया है। पुलिस ने बताया कि जातीय संघर्ष से ग्रस्त मणिपुर के जिरीबाम जिले में गुरुवार शाम एक समुदाय के 59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के बाद तनाव पैदा हो गया था।
 
लाइसेंसी हथियार लौटाने की मांग : एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित गुरुवार को सुबह अपने खेत पर गया था, जहां से वह लापता हो गया। बाद में उसका शव बरामद किया गया। स्थानीय लोगों ने हत्या के बाद जिरीबाम थाने के बाहर विरोध जताया और मांग की कि चुनाव के मद्देनजर उनसे लिए गए लाइसेंसी हथियार अब उन्हें लौटा दिए जाएं।
 
जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत : मणिपुर में पिछले साल से मई से जारी हिंसा से अब तक जिरीबाम अप्रभावित रहा है। यहां भी मेइती, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोग रहते हैं। इम्फाल घाटी में रहने वाले मेइती और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी लोगों के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta 
ये भी पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान को क्यों याद आए केजरीवाल?