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Written By एन. पांडेय
Last Updated : शनिवार, 9 जुलाई 2022 (16:30 IST)

Uttarakhand: भारी बारिश के बाद हुआ भूस्खलन, यात्रियों की परेशानियां बढ़ीं, कई पुल जमींदोज

Uttarakhand: भारी बारिश के बाद हुआ भूस्खलन, यात्रियों की परेशानियां बढ़ीं, कई पुल जमींदोज - Landslide occurred after heavy rains in Uttarakhand
देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद भूस्खलन से यात्रियों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। बरसात से हुए भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे पर गोपेश्वर-चोपता कुंड वॉश आउट होने से बाधित हो गया है। बारिश की वजह से घाट दांगी पुल बह गया है। साथ ही घिघराण पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ। हाईवे और सड़कें बंद होने से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं।
 
राहत की बात है कि बद्रीनाथ-केदारनाथ हाईवे यातायात के लिए सुचारु है। हालांकि सुबह के दौरान केदारनाथ हाईवे मुनकटिया में मलबा आने से बाधित रहा किंतु शीघ्र ही उसे खोल दिया गया। वहीं बद्रीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है जिससे यातायात के दौरान मुश्किलें हो रही हैं किंतु यहां यातायात सुचारु चल रहा है। केदारनाथ धाम की यात्रा सुचारु चल रही है।
 
शनिवार सुबह 8 बजे तक 600 यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए। जिले के सभी स्थानों पर बादल लगे हैं और कहीं-कहीं पर हल्की बारिश हो रही है। कालसी-चकराता राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कालसी क्षेत्र में 4 मोटर मार्ग सड़क पर मलबा आने के कारण बंद रहे। कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेट के पास आज शनिवार सुबह भारी मलबा आ गया जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

 
लोनिवि ने दोनों ओर से जेसीबी लगाकर करीब 3 घंटे बाद मार्ग को खुलवाकर यातायात शुरु करवाया। उधर अन्य मार्गों में बिजऊ-खतार, बडऊ-जंदेऊ व काहनेर-पुनाह मार्ग भी बंद हैं। सभी मार्गों पर मलबा हटाने का काम जारी है। दोपहर तक मार्ग खुलने के आसार हैं। उत्तरकाशी जिले में 4 सड़कें अभी भी यातायात के लिए ठप हैं। मोरी में फफराला खड्ड के उफान से ध्वस्त मोरी-सांकरी सड़क पर देर शाम यातायात चालू हो गया है।
 
विभागीय अधिकारियों का दावा है कि शनिवार तक जिले की सभी सड़कें यातायात के लिए खोल दी जाएंगी। मंगलवार की रात उत्तरकाशी जिले में भारी बारिश के कारण दर्जनों सड़कें आवाजाही के लिए बंद हो गई थीं। गुरुवार को उत्तरकाशी जिले की 15 सड़कों पर यातायात ठप रहा जबकि शुक्रवार को 4 सड़कें बंद बताई गईं।
 
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि नौगांव-स्योरी मोटर मार्ग के शनिवार तक खुलने की संभावना है, वहीं फफराला खड्ड के उफान से मोरी-सांकरी मोटर मार्ग का 20 मीटर हिस्सा ध्वस्त होने पर विभाग ने त्वरित कार्रवाई के साथ मार्ग को आवागमन के लिए चालू कर दिया है। पुरोला लोनिवि के ईई दीपक कुमार ने बताया कि मार्ग को देर शाम खोल दिया गया है। दूसरी ओर गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर आवागमन निर्बाध रूप से जारी है।
 
पिथौरागढ़ जनपद के सीमांत में आसमानी आफत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुनस्यारी के द्वालीगाड़ से 1 किमी ऊपर बादल फटने से यह गाड़ उफान पर आ गई जिससे इसमें बना लोहे का पुल टूट गया। इस पुल के टूटने से पर्यटन नगरी को जोड़ने वाली प्रमुख थल-मुनस्यारी सड़क पूरी तरह बंद हो गई है जिससे यहां की 40 हजार से अधिक की आबादी की मुश्किल बढ़ गई है।
 
मुनस्यारी के द्वालीगाड़ क्षेत्र में बादल फटने से यहां बहने वाली गाड़ उफान पर आ गई। गाड़ के तेज बहाव से इस पर बना लोहे का पुल टूट गया जिससे थल-मुनस्यारी सड़क पर आवाजाही पूरी तरह ठप है। पुल टूटने से पर्यटन नगरी मुनस्यारी अलग-थलग पड़ गई है। यहां 36 से अधिक पर्यटक, यात्री व माल वाहक वाहन फंसे हैं। पैदल यात्री किसी तरह जान जोखिम में डालकर उफनाई गाड़ पार कर रहे हैं जिससे खतरा बढ़ गया है। इस पुल का निर्माण वर्ष 2007 में हुआ था। महज 15 साल में ही पुल के जवाब देने से लोनिवि की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
 
हल्द्वानी सहित आसपास के इलाकों में शनिवार सुबह से शुरू हुई बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह जलभराव से लोगों के घरों और दुकानों के भीतर तक पानी घुस गया है। नगर निगम के नाले और नहर सफाई के दावों की पोल खुल गई है और लोगों को इस बारिश में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अगले 24 घंटे में बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी करने से जिलाधिकारी नैनीताल ने शनिवार को सभी स्कूलों में छुट्टी कर दी है। बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन टीम को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है। भूस्खलन वाली जगहों को चिन्हित कर जेसीबी तैनात की गई है। अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि घर से बाहर निकलने से पहले वे मौसम का पूर्वांनुमान जरूर देखें और सड़कों के हालात पता कर लें। यही नहीं, पहाड़ के जिन इलाकों में कोहरा है, वहां चालक फॉग लाइट का इस्तेमाल करें।
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