प्रदेश के किसानों को भा रही भावांतर योजना, आज इस अंदाज में कहेंगे सीएम डॉ. मोहन को थैंक्स, जानें क्या है तैयारी?
- अन्नदाता व्यक्त कर रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार
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किसान बोले- आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम
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महाकाल की नगरी उज्जैन के किसानों में जबरदस्त उत्साह
Bhavantar Yojana : मध्य प्रदेश के अन्नदाता को भावांतर योजना की घोषणा कितनी पसंद है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि किसान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जगह-जगह धन्यवाद दे रहे हैं। इस योजना की राशि की घोषणा होते ही किसानों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। इस राशि के लिए सैकड़ों किसानों ने सीएम डॉ. मोहन का न केवल आभार व्यक्त किया, बल्कि उनका जोरदार स्वागत भी किया।
किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव का निर्णय संवेदनशील और दूरदर्शी है। हम इसका स्वागत करते हैं। यह निर्णय न केवल किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि प्रदेश सरकार की किसान कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हमेशा किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा है। उनकी भावांतर राशि की घोषणा किसानों के चेहरे पर नई आशा, उत्साह और विश्वास लेकर आई है।
किसानों को मिला आर्थिक संबल
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही 10 अक्टूबर को रतलाम की बंजली हवाई पट्टी पर किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जोरदार स्वागत किया था। उन्होंने भावांतर योजना लागू किए जाने और क्षतिग्रस्त फसलों के लिए राहत राशि दिए जाने पर प्रदेश के मुखिया का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया था कि किस किसान को राहत के लिए कितनी राशि मिली है। किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संकट की घड़ी में उन्हें आर्थिक संबल दिया। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन ने भी किसानों से कहा कि आप चिंता न करें, सरकार हर मुसीबत की घड़ी में किसानों के साथ है।
क्या है यह योजना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू की है। इस योजना के तहत पंजीयन 3 अक्टूबर से शुरू हो गए थे। योजना प्रदेश में 24 अक्टूबर से प्रभावशील होगी। इस योजना के मुताबिक, अगर किसानों का सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर बिकता है तो सरकार किसानों के घाटे की भरपाई करेगी।
गौरतलब है कि, भावांतर योजना का लाभ किसानों को घर बैठे दिया जाएगा। जैसे-जैसे जिला कलेक्टरों से रिपोर्ट प्राप्त होती जा रही है, वहां के किसानों को राहत राशि प्रदान की जा रही है।
Edited By : Chetan Gour