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Last Modified: गुरुवार, 18 जनवरी 2024 (22:49 IST)

पटना में बोले MP के CM मोहन यादव, BJP में कार्यकर्ता कब पीएम-सीएम बन जाए कोई नहीं जानता

पटना में बोले MP के CM  मोहन यादव, BJP में कार्यकर्ता कब पीएम-सीएम बन जाए कोई नहीं जानता - Chief Minister Dr. Mohan Yadav on Bihar tour
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को एक दिन के बिहार दौरे पर रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करीब 5 घंटे बिहार की राजधानी पटना में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। राजधानी पटना पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्वागत श्री कृष्ण चेतना मंच के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि धर्म की स्थापना के लिए भगवान कृष्ण ने खुद को सबसे पहले आगे किया व कदम बढ़ाए। लोकतंत्र को जिंदा रखने में हमारे समाज की अहम भूमिका है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पटना में श्री कृष्ण चेतना विचार मंच द्वारा आयोजित समारोह में भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया। मंच पर पहुचंते ही उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत मध्यप्रदेश और बिहार के हजारों वर्षों के पुराने रिश्ते से की। उन्होनें इस रिश्ते को मगध के सम्राट अशोक से जोड़ते हुए कहा सम्राट अशोक और मध्यप्रदेश का गहरा जुड़ाव रहा है। सम्राट अशोक 10 साल तक उज्जैन में रहे थे। हजारों साल पहले से मध्यप्रदेश और बिहार का रिश्ता रहा है। पूरे देश के शासन संचालन में मध्यप्रदेश और बिहार की भूमिका रहती थी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम अगर जय गोपाल कृष्ण बोलते तो ऐसे ही नहीं बोलते। इसके पीछे प्रकृति प्रेम भी दिखता है। हम आज भी गाय पालते हैं। गाय की हमलोग पूजा करते हैं। हम लोग गाय को माता मानते हैं। भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ। हर चुनौतियों का सामना करते हुए वह किसी से डरे नहीं और लोगों को धर्म की राह दिखाई। यह समय लोकतंत्र का है। कितनी अच्छी बात है कि मुझे द्वारिकाधीश के अन्यय भक्त हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना। चाय बेचकर जिसका परिवार चलता हो, संघर्षों में जिन्होंने जीवन जिया ऐसे नरेंद्र मोदी जी आज हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बिहार में किस बात की कमी है ? कोई ऐसा राज्य ऐसा नहीं जहां बिहार के आईएएस-आईपीएस नहीं हैं। एकमात्र राज्य बिहार है जिसे यह सौभाग्य मिला है। बिहार हर क्षेत्र के अंदर अपनी पहचान बनाई हुई है। सभी क्षेत्रों में बिहार के लोगों की अपनी पहचान है। आपातकाल के समय बिहार ही आगे आया और लोकतंत्र को बचाने का काम किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बिहार और आगे जा सकता था। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि एक समय था जब देश में पांच बीमारू राज्य थे, लेकिन चार राज्य विकास की दृष्टि से बहुत आगे निकल गए लेकिन बिहार वहीं ठहरा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आने वाले समय में बिहार काफी आगे बढ़ेगा। बिहार में संभावनाओं की कमी नहीं है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सीएम बोले- हम सब यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करते हैं, जिनके माध्यम से नई शिक्षा नीति आई, जिसमें अतीत से भी प्रेम हो और सनातन संस्कृति भी दिखे। नई शिक्षा नीति से हमें अतीत के गौरव को गौरवान्वित करते हुए भविष्य की पीढ़ियां तैयार करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई शिक्षा नीति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनन्दन किया और कहा नई शिक्षा नीति में सनातन संस्कृति की झलक दिखाई देती है।  

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सीता माता की जन्मस्थली में हुए आत्मीय स्वागत के लिए अभिभूत नजर आये। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा-दीक्षा बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हुई। कृष्ण जी ने अपनी पूरी शिक्षा का सार कर्म और श्रीमद्भगवद्गीता के माध्यम से दिया जो आज दुनिया का मार्गदर्शन कर रही है।  भगवान श्रीकृष्ण ने अव्यवस्था और अधर्म के विरुद्ध, धर्म की स्थापना के लिए संघर्ष किया। यह हमारा सौभाग्य है कि हम सभी भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं।

जहां-जहां भगवान कृष्ण के कदम पड़े उसे तीर्थ बनाया जाएगा-
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा मध्यप्रदेश में जब मैं शिक्षा मंत्री बना तो नई शिक्षा नीति के तहत भगवान कृष्ण और भगवान राम के जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल करवाया मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों ने मुझसे पूछा कि आपकी प्राथमिकता क्या होगी? मैंने कहा कि जनता को भौतिक सुख-सुविधा दें, जीवन में बदलाव लाएं। इसके साथ एक और प्राथमिकता होगी। भगवान कृष्ण मध्य प्रदेश आए थे। उनकी शिक्षा दीक्षा के जीवन को पाठ्यक्रम के रूप में लाएंगे। जहां जहां उनके कदम पड़े, उस जगह को तीर्थ बनाया जाएगा।

धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण ने बढ़ाए कदम
कोई भी क्रांतिकारी या आजादी का सिपाही हो, अगर गीता भी पढ़ी तो उन्हें लगता है, जीवन अधूरा है । महात्मा गांधी से लेकर के तमाम क्रांतिकारियों और जिन्होंने भी गीता को पढ़ा संकल्प किया, गीता सदैव उसका पाथेय बनकर मार्गदर्शन करती रही। ये हमारा सौभाग्य है। सब भगवान श्री कृष्ण को हमारे वंश का को तो मानते ही हैं लेकिन भगवान श्री कृष्ण की पहचान कैसी है? पूरे समाज के अंदर जहां कोई अव्यवस्था दिखे। अगर किसी ने अधर्म के खिलाफ संघर्ष करने का माध्यम उठाया तो वह केवल भगवान श्री कृष्ण हैं। जिन्होंने जीवन को आगे लगा करके, खड़े होकर धर्म की स्थापना के लिए सबसे पहला कदम बढ़ाया। भगवान कृष्ण ने पूरी शिक्षा का सार गीता के माध्यम से दिया। यह हमारा सौभाग्य है कि हम सब भगवान कृष्ण के वंशज हैं।

पटना के इस्कॉन मंदिर में किये दर्शन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पटना के इस्कॉन मंदिर पहुंचे। उनके साथ बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा भी साथ रहे। यहां श्री यादव इस्कॉन मंदिर पहुंच कर राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया। वे भगवान की आरती में भी शामिल हुए। इस क्रम में इस्कॉन मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का इस्कॉन मंदिर के  अध्यक्ष श्री कृष्ण कृपादास जी ने स्वागत किया तथा इस्कॉन के 125 वें साल पर प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दिए गए सिक्के को उपहार स्वरूप भेट किया। श्री कृष्ण कृपादास जी ने मुख्यमंत्री को भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा देकर और सिर पर चर्मी रखकर आशीर्वाद भी दिया।