शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. BJP Gujarat Vijay Rupani Assembly Elections
Written By
Last Modified: शनिवार, 11 सितम्बर 2021 (19:48 IST)

5 महीने में BJP ने बदले 3 राज्यों के CM, आखिर चुनावों से पहले BJP क्यों बदल देती है मुख्यमंत्री

5 महीने में BJP ने बदले 3 राज्यों के CM, आखिर चुनावों से पहले BJP क्यों बदल देती है मुख्यमंत्री - BJP Gujarat Vijay Rupani Assembly Elections
नई दिल्ली। पार्टी विद डिफरेंस वाली भाजपा ने पिछले 5 महीने में 3 राज्यों के मुख्यमंत्री को बदल दिया है। गुजरात के CM विजय रूपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सियासी गलियारों में ये खबरें हैं कि विजय रूपाणी को बदलने के पीछे आगामी विधानसभा चुनाव को ही माना जा रहा है। 
 
यह फैसला 2022 की शुरुआत में भी लिया जा सकता था, लेकिन माना जा रहा है गुजरात में उत्तरप्रदेश एवं अन्य राज्यों के साथ 2022 के पूर्वार्द्ध में ही चुनाव कराए जा सकते हैं। पिछले 5 महीने में भाजपा ने 3 राज्यों के मुख्यमंत्री को बदला है। उत्तराखंड में मार्च 2022 में चुनाव है। 
उससे करीब एक साल पहले भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया गया। तीरथ रावत को महज 114 दिन में ही बदल दिया गया। उनकी जगह पुष्कर धामी मुख्यमंत्री बना दिए गए। कर्नाटक में भी हाल ही में बीएस येद्युरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया है। कर्नाटक में भी मई 2023 में चुनाव होने हैं। माना जाता है कि पार्टी 4 सालों में राज्य में मुख्यमंत्री को लेकर नाराजगी को दूर करने के लिए नेतृत्व में परिवर्तन कर देती है। 
 
किसका नाम सबसे आगे : गुजरात के अगले मुख्‍यमंत्री के लिए ‍जो नाम दौड़ में सबसे आगे हैं, उनमें पटेल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेता ही ज्यादा हैं। वर्तमान उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया एवं पुरुषोत्तम रूपाला के नाम दौड़ में सबसे आगे हैं। ये सभी पटेल समुदाय से ही आते हैं। गोरधन झड़ाफिया का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहा है, लेकिन इस दौड़ में सबसे आगे मांडविया और नितिन पटेल को माना जा रहा है।
 
इसके साथ एक और नाम दौड़ में बना हुआ, वे गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल हैं। पाटिल नवसारी से तीन बार के सांसद हैं। साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विश्वसनीय करीबी माना जाता है। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव परिणाम से सबक लेकर भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।
ये भी पढ़ें
RSS प्रमुख भागवत 71 वर्ष के हुए, जन्मदिन आम दिनों की तरह ही गुजरा