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Last Modified: लखनऊ , बुधवार, 11 अक्टूबर 2023 (19:12 IST)

गेट फांदकर जेपी सेंटर में घुसे अखिलेश यादव, जयप्रकाश नारायण को दी श्रद्धांजलि

Akhilesh Yadav
Jayaprakash Narayan's birth anniversary : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को यहां गोमती नगर इलाके में स्थित जेपीएनआईसी के परिसर में मुख्य फाटक को फांदकर प्रवेश किया और जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि दी।
 
सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री को जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) के मुख्य फाटक को फांदकर अंदर प्रवेश करते हुए दिखाया गया है। उनके समर्थक भी फाटक पार करके उनके पीछे जाते दिख रहे हैं।
 
‘एक्स’ पर समाजवादी पार्टी ने साझा किए गए वीडियो के साथ लिखा, भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ समाजवादी लोग लड़ते रहेंगे। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक अन्य वीडियो में अखिलेश गुलाब की पंखुड़ियों को जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर चढ़ाते हुए दिख रहे हैं।
 
जेपीएनआईसी में माल्यार्पण के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें दुख इस बात का है कि पुलिस लगाकर उनको रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी उन्हें परिसर में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए तैयार नहीं थे और सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को पता नहीं था कि उन्हें किससे अनुमति लेनी चाहिए।
 
यादव ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि सपा कार्यकर्ताओं को जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने से कौन रोक रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी लोग हर साल जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते आए हैं, लेकिन इस बार उन्हें जेपीएनआईसी का फाटक फांदने के लिए मजबूर किया गया।
 
उन्होंने याद किया कि जेपीएनआईसी के उद्घाटन में ‘नेता जी’ (मुलायम सिंह यादव) आए थे। जेपीएनआईसी का उद्घाटन आज ही के दिन 2016 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव ने किया था। केंद्र में जयप्रकाश नारायण व्याख्यान केंद्र (संग्रहालय) है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह समाजवादी नेता को समर्पित देश का एकमात्र संग्रहालय है जहां से लोगों को लोकतंत्र में सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा मिलती है।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादियों और आने वाली पीढ़ियों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, यह वही संग्रहालय है जो उनके जीवन के बारे में बताता है। इसे बंद किया जा रहा है। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि संग्रहालय को बंद करके सरकार कौन सी ‘विफलताएं’ छिपा रही है।
 
इससे पहले दिन में अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर लिखा था, महान समाजवादी चिंतक और सामाजिक न्याय के प्रखर वक्ता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने से सपा को रोकने के लिए टिन की चादरें लगाकर क्या जेपीएनआईसी का रास्ता बाधित किया जा रहा है।
 
उन्होंने आरोप लगाया, सच्चाई यह है कि भाजपा लोकनायक जयप्रकाश जी द्वारा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ चलाए गए आंदोलन की पुनरावृत्ति से डरती है, क्योंकि भाजपा शासन के दौरान भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई कई गुना अधिक है।
 
उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में पूछा कि क्या माल्यार्पण के लिए भी उन्हें जयप्रकाश नारायण की तरह ‘संपूर्ण क्रांति’ शुरू करने की जरूरत है, फिर खुद ही जवाब देते हुए कहा कि अगर भाजपा ऐसा ही चाहती है तो उन्हें इसका सहारा लेना होगा। आपातकाल विरोधी आंदोलन के नायक जयप्रकाश नारायण ने वर्ष 1975 में ‘संपूर्ण क्रांति’ की शुरुआत की थी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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