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Written By WD

'बात कुछ और ही है राखी की'

''बात कुछ और ही है राखी की'' -
1. वास्ते मेरे सबसे अच्छा तू
तोड़ सकती नहीं जिसे दुनिया
है कलाई पे ऎसा धागा तू

2. एक अनमोल गहना भाई को
आज की शाम मिलने वाला है
राखी बाँधेगी बहना भाई को

3. मुझको अरमान एक धागे का
बाँध कर मेरे हाथ पर राखी
भाग्य चमका दे मुझ अभागे का

4. देख तक़दीर अपने रिश्ते की
सिर्फ़ धागा नही है ये नादाँ
है ये ज़ंजीर अपने रिश्ते की

5. रिश्ता सबसे जुदा है चाहत का
तूने बाँधा है हाथ पर धागा
मेरा वादा तेरी हिफाज़त का

6. ज़ात कुछ और ही है राखी की
तीज-त्योहार हैं बहुत लेकिन
बात कुछ और ही है राखी