भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना.... ! इस गीत को जब आप गुनगुनाते हैं तब दिल में एक अजीब-सी हलचल पैदा होती है। दिल कुछ अलग ही गुनगुनाने लगता है। लेकिन आज के युग में हर त्योहार का महत्व कुछ कम हो गया है। त्योहार मनते तो सभी हैं
राखी का त्योहार नजदीक आते ही बाजारों की चहल पहल बढ़ जाती हैं। राखी से सजे बाजारों में उमड़ी भीड़ देखकर हर किसी का मन राखी खरीदने को ललचाता रहता है। लेकिन जरूरी नहीं कि आप राखी बाजार से ही खरीदें..
करियर और शादी वगैरह के चलते आज भाई-बहन एक-दूसरे से काफी दूर हो गए हैं। राखी त्योहार है भाई-बहन को विशेष रूप से याद करने का। क्या सोचते हैं दूरस्थ देशों में भाई-बहन और कैसे याद करते हैं एक-दूसरे को।
अगर आपका योग 45 से 52 के बीच में है तो इसका मतलब है कि आपकी बहन बहुत भाग्यशाली है, जिसे आप जैसा भाई मिला। आपका प्यार संतुलित है, जो बहन की जिंदगी सँवारने में मददगार है।
रक्षाबंधन का पर्व ज्यों-ज्यों करीब आने लगता है़, बहनें बड़े अरमानों से अपने भाइयों के लिए राखियाँ खरीदती हैं। कुछ के भाई पास ही रहते हैं, लेकिन जिनके भाई उनसे दूर हों तो बहनों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
हम भले ही दुनिया के किसी भी कोने में रहें अपनों की याद हमें हमेशा सताती है। खासकर उन मौकों पर जब सारा परिवार एक साथ होता है, पर किसी एक की कमी हम सभी को खलती है।
रक्षाबंधन का त्योहार करीब आ रहा है और हर ओर दुकानें राखियों से सज रही हैं। किसी को बड़ी राखी पसंद है तो किसी को छोटी। कोई रंग-बिरंगी, चमकीली राखियों की ओर आकृष्ट हो रहा है
दो रोज पूर्व घर पर स्वास्थ्य खराब होने पर आराम कर रहा था। राखी का त्योहार नजदीक होने के कारण आकाशवाणी पर हेलो फरमाइश कार्यक्रम में एक श्रोता ने फिल्म चंबल की कसम का गाना सुनना चाहा
अगर आपका योग 58 से 64 के बीच में है तो आप दुनिया की उन बहनों में शामिल हैं, जो अपने भाई पर माँ-सी ममता लुटाती हैं, गुरु-सा ज्ञान देती हैं और दोस्त जैसी शरारतें करती हैं।
भैया की नौकरी छूटे दस महीने से अधिक हो गए थे। अब तक की जमा-पूँजी से वह एक नया व्यवसाय शुरू करने की जद्दोजहद में कुछ इस तरह से उलझे हुए थे, कि कई बार तो उन्हें घर आकर भोजन करने की भी कोई सुध-बुध नहीं रहती थी...
महिलाएँ भले ही उम्र के किसी भी पड़ाव तक क्यों न पहुँच जाएँ, अठारह से अस्सी वर्ष तक का सफर तय कर लें फिर भी सबके मन में सदैव एक बहन, मासूम बेटी जिंदा रहती ही है। और रक्षाबंधन का यह पर्व उस बेटी-बहन या बुआ को चुंबक-सा आकर्षित करता है,
रेशम-रेशम रिश्तों का मधुबन।
पुलकित चेहरे, प्रफुल्लित मन।।
धागे कच्चे, मगर बनता अटूट बंधन।
हर रेशे में छुपा स्नेह और रक्षा का वचन।।
रीत की थाल में जब सजता प्रीत का चंदन।
देवता भी करने लगते हैं धरती की ओर गमन।।
बात उस समय की है जब मैं आज से 6 साल पहले ट्रेन में पंजाब जा रही थी। मेरी खुशी का कोई िठकाना नहीं था क्योंकि मैं पंजाब घूमने के लिए जा रही थी। खुशी के मारे रास्ता और लंबा सा महसूस हो रहा था। मन तो एक जगह टिकने का नाम ही नहीं ले रहा था,यही सोच रही थी ...
कहते हैं बहन अपने भाई को राखी के दिन रक्षाकवच बाँधती है। दोनों के प्यार और आपसी विश्वास का पर्व है राखी।राखी का पर्व पूरे भारत में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन भाई चाहे कितनी ही दूर क्यों ना हो, बहनों के पास दौड़ा चला आता है।