मंगलवार, 28 मार्च 2023
0

पंडित जोशी : एक युग का अवसान

सोमवार,जनवरी 24, 2011
0
1

पंडित भीमसेन जोशी : एक नजर

सोमवार,जनवरी 24, 2011
बचपन में स्कूल से लौटते समय पंडितजी ग्रामोफोन रेकार्ड की दुकान पर रुककर गाने सुनते थे। मात्र 11 वर्ष की उम्र में पंडितजी ने गुरु की खोज में घर छोड़ा। गायकी के अलावा पंडितजी ने अपने शरीर का भी खूब ख्याल वर्जिश के माध्यम से रखा है। सवई गंधर्व गायन ...
1
2

अखंड झरना बहा कर चले गए

सोमवार,जनवरी 24, 2011
ईश्वर का यह दूत तो अपने कंठ से बहते सुरों के अखंड झरने से तमाम रसिकजनों को तृप्त कर रहा था। आज वह झरने की कलकल अवश्य खामोश हुई लेकिन हम सब उन्हें सादर नमन करते हैं कि अपने कंठ से उन्होंने हमारा जीवन सुरीला बनाया। उनका स्वर सान्निध्य हमारे साथ हमेशा ...
2
3
शास्त्रीय संगीत के विलक्षण कलाकार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत पंडित भीमसेन जोशी नहीं रहे। कवि मंगलेश डबराल ने उन पर सुंदर भावपूर्ण रचना लिखी थी। वेबदुनिया पाठकों के लिए प्रस्तुत है मंगलेश डबराल की संवेदनशील रचना :
3
4
एक स्वर शांत हुआ और लगा जैसे समूची धरा पर नीरवता छा गई। यह खबर दस्तक दे सकती है यह आशंका तो थी मगर मन-मस्तिष्क तैयार नहीं था। संगीत-संसार का वह वटवृक्ष लंबे समय तक मधुर छाँव देता रहा लेकिन एक खबर से साथ ही सारे संगीत प्रेमियों को तपिश में छोड़ ...
4
4
5
उस रात हम सब सौभाग्यशाली थे कि उनके सुरों की चाँदनी में हम स्नान कर रहे थे। यह पुण्य स्नान था। हमने उस दिन पुण्य पाया। आज वे समूची चाँदनी के साथ हमसे बिदा हो रहे हैं और संगीत के सारे मधुर स्वर स्तब्ध हैं। अश्रुपूरित विनम्र आदरांजलि।
5
6

सुरों का बसंत हुआ खामोश

सोमवार,जनवरी 24, 2011
आप चाहें दुःख में हों या पतझड़ में उनकी सुरीली आवाज का हाथ थामकर आप अपने जीवन में बसंत का आना महसूस कर सकते थे। आज सुरों का बसंत हमारे बीच से चला गया और नम आँखों से श्रद्धांजलि देने के सिवा हमारे बस में कुछ नहीं।
6
7
हरे-भरे खूबसूरत पेड़...जहाँ तक नजर जाएँ, वहाँ तक हरियाली ही हरियाली.....कितनी सुखद लगती हैं ये बातें, लेकिन वास्तविकता इससे बिलकुल अलग है। वर्तमान में सिर्फ ‘ एक हफ्ते में हमारी धरती पर से पांच लाख हैक्टेयर में फैला जंगल साफ कर दिया जा रहा है।’
7
8

लव गेम्स

सोमवार,फ़रवरी 9, 2009
आपका प्रेमी या प्रेमिका आपको कितना चाहते हैं? पता लगाना है न मुश्किल। अगर आपको अपने प्यार के बारे में जानने की तमन्ना है तो आजमाइए लव मीटर। इससे पता
8
8
9

तेरी अंजुमन की बातें

सोमवार,फ़रवरी 9, 2009
तेरे ख़्याल, तेरी अंजुमन की बातें हैं अजीब हाल है, दीवानापन की बातें हैं करें वो प्यार तो वो उनका इश्क कहलाए करूँ मैं प्यार तो, आवारापन की बातें हैं फ़लक के चाँद की दिलकश किरन की बात नहीं ग़जल में गाँव की चंचल किरन की बातें हैं यहाँ गुलाब
9
10

प्यार में सौदा नहीं

सोमवार,फ़रवरी 9, 2009
दोनों विजातीय हैं, एक-दूसरे से प्रेम करते हैं और इस प्रेम की परिणिति विवाह के रूप में चाहते हैं। दोनों ने अपने परिजनों को इस बारे में जानकारी दी तो एक-दूजे के परिवार में आने-जाने तथा देखने-दिखाने के बाद दोनों की शादी तय हो गई।
10
11

'मैजिक ऑफ लव'

सोमवार,फ़रवरी 9, 2009
कोई ऐसा नहीं है जो उसकी समस्या, उसके दुःख और उसकी परेशानी में उसके साथ खड़ा हो। दोस्त इन्हीं क्षणों के लिए होते हैं। इसलिए अगर आपका कोई दोस्त किसी समस्या से गुजर रहा है, उस पर कोई संकट आन पड़ा है तो बस उससे जाकर कह दीजिए 'मैं भी तुम्हारे साथ हूँ।' फिर
11
12
प्यार पहले भी होता था, प्यार आज भी होता है। मगर प्यार करने और प्यार का इज़हार करने के ढंग बदल चुके हैं। आज से कुछेक साल पहले का दृश्य याद करो, जब कोई लड़का लड़की को देखता, अगर वो शर्मा कर मुस्कराते हुए गुजर जाती तो समझ लिया जाता था
12
13

प्रेम अपरिभाषित

सोमवार,फ़रवरी 9, 2009
धूप में जीवन की जब श्‍याम रंग को श्वेत करने चले जो बसंत की बयार, छलकाती फिरे हर ओर प्रेम भाव अपरंपार...
13
14
प्यार का दिन, प्यार के इजहार का दिन। अपने जज्बातों को शब्दों में बयाँ करने के लिए शायद इस दिन का हर धड़कते हुए दिल को बेसब्री से इंतजार होता है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं, प्यार के परवानों के दिन की, वेलेंटाइन-डे की...।
14
15
एहसासों के परिंदे अरमानों के पर लगा उड़ने लगे हैं प्रेम के आकाश में निर्द्वन्द्व व स्वच्छंद अनजान जगहों पर ये खग-विहग विचरने लगे हैं
15
16
प्यार एक रूहानी रिश्ता है, मगर आज के ज्यादातर लड़के-लड़कियों ने जिस्मानी रिश्ते को प्यार की संज्ञा देकर राख से पवित्र रिश्ते को अपवित्र कर दिया। प्यार में अहसास का होना लाजमी है, जब तक अहसास है
16
17

प्यार का पहला वेलेंटाइन...

सोमवार,फ़रवरी 9, 2009
मिताली अपनी मम्मी और छोटे भाई के साथ घूमने गई थी। ट्रेन में सफर के दौरान उसे एक अच्छा दोस्त राहुल मिल गया। सफर के दौरान उनकी आपस में काफी अच्छी बातचीत और अच्छी-खासी पहचान हो गई।
17
18
आँखे खुली और दिखा विशाल आकाश निश्छल व निराधार देखता धरा को एकटक दूर से ही देखकर प्रसन्न होता नभ अपार
18
19
रेशम के फाहों में लिपटा मन का कोमल-सा भाव, या फिर अपनी आँखें मींचता भोला सा स्वप्न सुकुमार...
19