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तेरी अंजुमन की बातें
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अज़ीज़ अंसारी तेरे ख़्याल, तेरी अंजुमन की बातें हैंअजीब हाल है, दीवानापन की बातें हैंकरें वो प्यार तो वो उनका इश्क कहलाएकरूँ मैं प्यार तो, आवारापन की बातें हैंफ़लक के चाँद की दिलकश किरन की बात नहींग़जल में गाँव की चंचल किरन की बातें हैंयहाँ गुलाब है, नर्गिस है, सर्व व सुम्बुल हैये गुलसिताँ की नहीं, गुलबदन की बातें हैंइसी अदा पे तो हम जाँनिसार करते हैंतुम्हारे पास सभी बाँकपन की बातें हैं************************************महकते फूल
सैकड़ों ताजा महकते फूल आएँगे नज़रआप अपने आपको मेरी नज़र से देखिएतुम हो क्या ये तुम्हें मालूम नहीं है शायदतुम बदलते हो तो मौसम भी बदल जाते हैंमोहब्बत हो वफा हो दोस्ती होमोयस्सर हो तो ऐसी जिंदगी हो।फूल बिखरे हुए हैं राहों मेंजब से वो मुझको मिल गया अज़ीज़सारी दुनिया है, मेरी बाँहों मेंइस तरह इलतिफ़ात करता हैमुँह से कुछ बोलता नहीं लेकिनअपनी आँखों से बात करता हैतारीफ़ इसके हुस्न की कैसे करे कोईपीतल भी जिसके जिस्म पर सोना खरा लगेहाल अपना नहीं बताएँगेउसने पूछा अगर क़सम देकरउसको अपनी ग़ज़ल सुनाएँगेजुग़नू तुम्हारी याद के सब जागते रहेयूँ कामयाब रात की साजिश नहीं हुईउसके तसव्वुरात में खोया हुआ हूँ मैंवो भी मेरे ख़्याल में डूबा हुआ तो हैऐ काश वो भी ऐसे में आ जाए अचानकमौसम बहुत दिनों में सुहाना हुआ तो हैकिसी की याद थी, सागर था, चाँदनी शब थीकमी ये थी मेरे काँधे पे सर न था कोई।