मंगलवार, 4 नवंबर 2025
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. नानक जयंती
  4. Guru Nanak Jayanti Essay
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 1 नवंबर 2025 (16:18 IST)

Essay on Nanak Dev: सिख धमे के संस्थापक गुरु नानक देव पर रोचक निबंध हिन्दी में

Guru Nanak Jayanti
Guru Nanak Jayanti: गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है, जो प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी का जीवन और उनके उपदेश मानवता, समानता, और ईश्वर के प्रति प्रेम की प्रेरणा प्रदान करते हैं। उनकी शिक्षाओं ने सिख धर्म को आकार दिया और उन्होंने समता, भाईचारे और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया। इस दिन को गुरु नानक गुरपुरब के रूप में भी जाना जाता है।ALSO READ: Guru Nanak Jayanti: 2025 में गुरुपर्व कब है?

इस निबंध में हम गुरु नानक जयंती के महत्व, उनके जीवन और उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानेंगे... 
 
प्रस्तावना: गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक थे, और उनका जीवन एक प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने समाज में व्याप्त बुराईयों, भेदभाव और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठाई और सबको एकता, भाईचारे और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। उनका जीवन उन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक है जो समाज में बदलाव लाना चाहते हैं और मानवता की सेवा करना चाहते हैं।
 
गुरु नानक देव का जन्म और प्रारंभिक जीवन: गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के राय भोई की तलवंडी नामक गांव (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम त्रिप्ता था। बचपन से ही गुरु नानक देव जी में अद्भुत गुण थे। वे बहुत ही सरल, धार्मिक और समाज के प्रति संवेदनशील थे।
 
जब वे केवल सात वर्ष के थे, तब उन्होंने अपने पिता से यह प्रश्न पूछा, 'यदि तुम्हें कोई अनमोल रत्न मिले, तो तुम उसे किसे दोगे?' इस सवाल ने उनके परिवार और समाज के लोगों को हैरान कर दिया, क्योंकि यह एक ऐसा सवाल था जो सामान्य रूप से एक छोटे बच्चे से नहीं पूछा जाता था।
 
गुरु नानक देव जी का एक प्रसिद्ध उद्धरण है, 'नानक नाम चढ़दी कला, तेरे भाने सरबत दा भला' जिसका अर्थ है 'गुरु नानक का नाम हमेशा बढ़ता रहे, और तुम्हारे आशीर्वाद से सभी की भलाई हो।'
 
गुरु नानक जी की शिक्षाएं: गुरु नानक देव जी की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षाओं में से एक थी समानता। उन्होंने कहा कि सभी इंसान समान हैं, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या लिंग से संबंधित हों। उनका मानना था कि इंसान का असली धर्म उसके कर्मों से निर्धारित होता है, न कि उसकी जाति या धर्म से। उन्होंने यह संदेश दिया कि समाज में भेदभाव और असमानता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
 
उन्होंने ईश्वर की एकता का भी प्रचार किया। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर एक हैं और वे सभी जीवों में समाहित हैं। उन्होंने हर व्यक्ति को अपने कर्मों के माध्यम से ईश्वर की सेवा करने की प्रेरणा दी। उनका यह भी मानना था कि हमें संसार के हर प्राणी का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि हर जीव में ईश्वर का रूप विद्यमान है।
 
गुरु नानक देव जी ने नमाज, पूजा और कर्मकांडों को निरर्थक बताते हुए सरलता और सच्चाई की ओर लोगों को प्रेरित किया। वे जीवन को सरल और सच्चे तरीके से जीने की बात करते थे। उनका कहना था, 'जो कुछ भी करना है, सच्चाई से करना चाहिए।'
 
गुरु नानक देव की तीर्थ यात्रा: गुरु नानक देव जी ने अपनी जीवन यात्रा में कई स्थानों का दौरा किया। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों के अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बगदाद, मक्का और मदीना जैसी जगहों पर भी यात्रा की। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने लोगों से मिलकर उनके दुख-दर्द को समझा और उनके बीच शांति और भाईचारे का संदेश दिया। उनका प्रसिद्ध सिद्धांत था, 'कोई हिंदू न कोई मुसलमान' यानी कोई व्यक्ति किसी भी धर्म का हो, वह सब एक ही ईश्वर की संतान हैं।
 
गुरु नानक देव जी का योगदान: गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी और इसे दुनिया भर में फैलाया। उन्होंने सिखों के लिए एक विशेष धर्मग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब, की रचना की, जो आज भी सिखों के लिए एक पवित्र और आदर्श ग्रंथ है। उनके बाद उनके नौ शिष्य और गुरु बने, जिन्होंने सिख धर्म को फैलाया और सिख समुदाय के आदर्शों को और मजबूत किया।
 
गुरु नानक देव जी ने सेवा का महत्व भी बताया। उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के लिए काम किया और उन्हें मानवीय गरिमा दिलाने की कोशिश की। उनके जीवन में सेवा और समर्पण का उदाहरण आज भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता है।
 
निष्कर्ष: गुरु नानक देव जी का जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें सिखाता है कि यदि हम अपने जीवन को सत्य, प्रेम, और भाईचारे के सिद्धांतों पर चलकर जीते हैं, तो हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। गुरु नानक देव जी ने हमें यह भी समझाया कि धार्मिकता और आध्यात्मिकता केवल आचार-व्यवहार से नहीं, बल्कि हमारे हृदय से जुड़ी होती है। उनका जीवन और शिक्षाएं आज भी हमारे लिए मार्गदर्शन का एक स्रोत हैं, और हमें उनकी शिक्षाओं का पालन करके समाज में अमन और शांति स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ये भी पढ़ें
November Weekly Rashifal: नवंबर का महीना किन राशियों के लिए लाएगा धन और सफलता, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (3 से 9 नवंबर 2025)