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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 1 नवंबर 2025 (10:44 IST)

Bhishma Panchak 2025: भीष्म पंचक क्या होता है, क्यों लगता हैं, जानें पंचक की तिथियां

भीष्म पंचक
Bhishma Panchak Vrat Significance: भीष्म पंचक व्रत महाभारत के परम ज्ञानी पितामह भीष्म को समर्पित है, जिन्होंने बाणों की शय्या पर लेटे हुए भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर यह व्रत किया था। इन पांच दिनों में विशेष रूप से उपवास, तपस्या, और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।ALSO READ: Monthly Horoscope November 2025: नवंबर 2025: क्या आपकी राशि के लिए खुलेंगे धन-समृद्धि के द्वार? पढ़ें मासिक राशिफल
 
भीष्म पंचक क्या होता है: भीष्म पंचक कार्तिक मास के अंतिम पांच दिनों को कहा जाता है। धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से इसे अत्यंत शुभ और मोक्षदायी माना जाता है, जबकि सामान्य पंचक काल, जिसमें कुछ कार्य वर्जित होते हैं को अशुभ माना जाता है। यह कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवउठनी एकादशी) तिथि से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। इसे विष्णु पंचक या हरि पंचक भी कहा जाता है। 
 
क्यों लगता है भीष्म पंचक: भीष्म पंचक महाभारत के पितामह भीष्म के सम्मान में मनाया जाता है, इसलिए इसे 'भीष्म पंचक' कहते हैं।
 
पौराणिक कथा: महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद, जब भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर लेटे हुए सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। तब भगवान श्रीकृष्ण पांडवों के साथ उनके पास गए और भीष्म पितामह से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का ज्ञान देने का आग्रह किया। पितामह भीष्म ने कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिनों तक पांडवों को यह ज्ञान दिया। यह सुनकर भगवान श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर इन पांच दिनों को भीष्म पंचक नाम दिया और इसे अत्यंत मंगलकारी घोषित किया।
 
महत्व: माना जाता है कि इन पांच दिनों में व्रत, स्नान, पूजा और दान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो लोग पूरे कार्तिक मास का व्रत नहीं कर पाते, उन्हें भीष्म पंचक का व्रत करने से पूरे महीने के व्रत का पुण्य मिल जाता है। यह निसंतान दंपत्तियों के लिए भी शुभ फलदायी माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है।
 
भीष्म पंचक की तिथि
वर्ष 2025 में भीष्म पंचक की तिथियां इस प्रकार हैं:
 
भीष्म पंचक शुरू: 1 नवंबर 2025 (कार्तिक शुक्ल एकादशी/ देवउठनी एकादशी), दिन शनिवार।
भीष्म पंचक समाप्त: 5 नवंबर 2025 (कार्तिक पूर्णिमा), दिन बुधवार को। 
 
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