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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 (15:52 IST)

Saubhagya Sundari Teej 2025: सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत कब है, जानें महत्व और पूजन की विधि

Saubhagya Sundari Fast
Saubhagya Sundari Teej Importance: सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। वर्ष 2025 में, सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत 08 नवंबर, शनिवार को पड़ रहा है। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिनों द्वारा अखंड सौभाग्य की कामना से किया जाता है। यह मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मांगलिक दोष से भी मुक्ति मिलती है। यहां आपकी सुविधा हेतु सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत की तिथि, महत्व, तिथि और पूजन विधि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है।ALSO READ: Money Remedy: घर के धन में होगी बढ़ोतरी, बना लो धन की पोटली और रख दो तिजोरी में
 
वर्ष 2025 में, सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत की तिथि इस प्रकार है:
 
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत- मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया, 08 नवंबर 2025, दिन शनिवार को।
 
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत का महत्व: सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती/ गौरी को समर्पित है। इसका महत्व निम्नलिखित कारणों से बहुत अधिक है। मान्यतानुसार इस व्रत के नाम से ही स्पष्ट है कि यह व्रत विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य और उनके पति की लंबी आयु का आशीर्वाद देता है। यह व्रत करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। अविवाहित कन्याएं उत्तम और मनचाहा वर प्राप्त करने की कामना से यह व्रत रखती हैं।
 
मांगलिक दोष निवारण: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन कन्याओं की कुंडली में मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी हो रही हो या बाधा आ रही हो, उनके लिए यह व्रत बहुत फलदायी होता है।
 
सौभाग्य सुंदरी तीज पूजन की विधि: 
 
सौभाग्य सुंदरी तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है।
 
व्रत की तैयारी: व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र या हो सके तो नए वस्त्र धारण करें।
 
श्रृंगार: सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करें, जिसमें मेहंदी, सिंदूर, बिंदी और आलता आदि जरूर शामिल करें।
 
पूजा सामग्री: पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
 
संकल्प: हाथ में जल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें और मन ही मन भगवान शिव और माता पार्वती को याद करें।ALSO READ: Kaal Bhairav Jayanti 2025: अष्ट भैरव में से काल भैरव के इस मंत्र से मिलेगा उनका आशीर्वाद
 
गणेश पूजा: सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, ताकि पूजा में कोई विघ्न न आए।
 
शिव-गौरी पूजा: भगवान शिव और माता पार्वती का आह्वान करें।
 
16 श्रृंगार: माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री (चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, महावर, आदि), चुनरी और फल-मिठाई अर्पित करें।
 
भगवान शिव को: जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल और भस्म अर्पित करें।
 
मंत्र जाप: 'ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः' या 'ॐ गौरी शंकराय नमः' मंत्र का जाप करें।
 
व्रत कथा: सौभाग्य सुंदरी तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
 
आरती: अंत में धूप-दीप जलाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
 
सुहाग सामग्री दान: पूजा के बाद माता पार्वती को चढ़ाई गई सुहाग सामग्री को किसी ब्राह्मण या सुहागिन स्त्री को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
 
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